आज सुश्री अनुसुईया उइके जी राज्यपाल मणिपुर ने इंफाल के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, क्षेत्रीय केन्द्र, में 36वां दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेकर डिग्री वितरित की गई। उल्लेखित है कि मुख्य कार्यक्रम नई दिल्ली में श्रीमती द्रोपदी मुर्मू की अध्यक्ष में आयोजित किया गया था तथा सभी क्षेत्रीय केन्द्रों में प्रदेशों के राज्यपालों की अध्यक्षता में दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया था। दीक्षांत समारोह में देशभर में आज 2.79 लाख छात्रों को डिग्री दी की है। इसमें से 33 को गोल्ड मेडल, 108 को पी.एच.डी. की डिग्री, 4 छात्रों को एम.फिल की उपाधि तथा 9 अन्य अवार्ड दिये गये। इंफाल रीजनल सेन्टर में कुल 1150 स्टूडेन्टस को डिग्री दी गई जिसमें से अधिकांश महिला हैं।
सुश्री अनुसुईया उइके राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह स्टूडेन्ट एण्ड गार्जियन्स के लिये गोल्डन चान्स होता है क्योंकि इस दिन छात्रों को अपनी मेहनत और गार्जियन्स को उनके त्याग, तपस्या का रिजल्ट उनके बच्चों को डिग्री के रूप में मिलता है। स्टूडेन्ट और उनके गार्जियन्स को बधाई दी। कनवोकेशन विश्वविद्यालय, स्टूडेन्ट, उनके परिवारों के लिए उत्सव का अवसर होता है। विश्वविद्यालय छात्रों की योग्यता, मेहनत का आंकलन कर डिग्री प्रदान करता है। छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियाँ माता-पिता, शिक्षकों को हर्षित करती हैं। विश्वविद्यालय से जुड़ी ई-लाइब्रेरी ओपन डिस्टेंस लर्निंग सभी वर्गों के लिए सुलभ है। अपनी उत्कृष्ट छात्र सहायता सेवा प्रणाली के साथ शिक्षार्थियों के दरवाजे तक पहुँचता है। यह व्यावसायिक और कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से हयूमन रिसोर्स भी विकसित करता है। विश्वविद्यालय देश में टीचर्स ट्रेनिंग के क्षेत्र में भी कार्य करने का प्रयास कर रहा है। केन्द्रीय विद्यालय संगठन के शिक्षकों और उत्तर पूर्वी राज्यों के शिक्षकों को विश्वविद्यालय द्वारा प्रशिक्षित किया गया। इगनू जेल के कैदियों को भी मुफ्त शिक्षा प्रदान करता है और आनलाइन रजिस्ट्रेशन को बढ़ावा देकर शिक्षार्थियों को ई-लर्निंग सामग्री प्रदान करता है।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति का विशेषाधिकार है और यह आजीवन चलने वाली प्रक्रिया है। मुझे यकीन है कि हमारे छात्रों की ज्ञान की आशा कभी खत्म नहीं होगी और आप जीवन भर शिक्षा की प्रक्रिया को जारी रखेंगे। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने शिक्षा के महत्व और राष्ट्र के युवाओं की शैक्षणिक आवश्यकता को समझते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 घोषित की है जो कि शिक्षा के क्षेत्र में क्रान्तिकारी परिवर्तन लायेगी। मानव समाज की प्रगति और विकास की गति को जारी रखने के लिए हमें इंफ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी, करिकुलम कंटेन्ट और रिसर्च में क्वालिटी पर लगातार ध्यान देने की जरूरत है। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता टीचिंग एण्ड रिसर्च की क्वालिटी पर निर्भर करती है। क्वालिटी फैकल्टी का होना अनिवार्य है जो स्टूडेन्ट को सही ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगें। भारत एनरजेटिक यूथों का देश है। इतने यूथ विश्व में किसी अन्य देश में नहीं है। देश के युवा पेशेवरों के रूप में, आपको देश के विकास का अग्रदूत बनना है और देश को तकनीकी दृष्टि से सक्षम बनाना है। राज्यपाल ने सभी छात्रों का आव्हान किया कि वे अपनी कुशलता, योग्यता और ज्ञान से भारत को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की परिकल्पना भारत को विश्वगुरू के स्थान पर स्थापित करने के लक्ष्य में सहभागी बनें।