पौराणिक शो रामायण रामानंद सागर का सबसे सक्सेसफुल शो रहा. इस शो ने 1987 में इस कदर पॉपुलैरिटी हासिल की कि इसके सभी किरदारों को रियल लाइफ में भी राम-सीता कहकर पूजा जाने लगा. आज भी लोगों के बीच इस शो के सभी किरदारों को उनके असली नाम से ज्यादा उनके ऑन-स्क्रीन रोल से जानते हैं. हालांकि, क्या आप जानते हैं कि 80 के दशक में छोटे पर्दे पर तहलका मचाने वाले इस पौराणिक शो को दूरदर्शन पर टेलीकास्ट किए जाने पर रामानंद सागर को 2 साल तक सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़े थे. नहीं! तो यहां जानें.
दूरदर्शन ने रामायण को कर दिया था रिजेक्ट
जी हां, रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने अपनी किताब एन एपिक लाइफ: रामानंद सागर फ्रॉम बरसात टू रामायण में बताया था कि रामानंद सागर के लिए दूरदर्शन चैनल पर रामायण का टेलीकास्ट करवाना आसान नहीं था. इस पर रोक लगाने के लिए दूरदर्शन के मालिक से लेकर सरकार तक, सभी ने पूरी कोशिश की. किसी को भी रामानंद सागर का रामायण पर शो बनाने का आइडिया पसंद नहीं आया था. रामानंद ने रामायण के तीन पायलट एपिसोड बनाए थे और तीनों रिजेक्ट कर दिए गए.
रामानंद सागर ने दूरदर्शन को करवाया था राजी
एक टाइम ऐसा आया कि रामानंद परेशान हो गए थे. एक तो उनका समय जा रहा था और ऊपर से पैसे भी खर्च हो रहे थे. हालांकि, रामानंद हार मानने वालों में से नहीं थे. उन्होंने इस प्रोजेक्ट को पास कराने के लिए काफी अपमान झेला, लोगों ने ‘रामायण’ के डायलॉग्स का मजाक बनाया, उन्हें दफ्तर के बाहर घंटों खड़े रहना पड़ा, लेकिन वह अपने सपने के लिए डटे रहे. उनकी मेहनत तब रंग लाई जब दूरदर्शन ने इस प्रोजेक्ट को पास किया.
दूरदर्शन के बाद सरकार बनी थी अड़चन
रामानंद सागर ने राहत की तो सांस ली थी, लेकिन उनकी मुश्किल यहां कम नहीं हुई थी. उनके लिए अगली चुनौती सरकार को मनाना था. दो सालों तक रामानंद सरकार और दूरदर्शन को मनाते रहे. दूरदर्शन माना, फिर सरकार को मनाने के लिए रामानंद निकल गए. फिर एक घड़ी आई, जब उनका सपना पूरा हुआ.
मंत्री के बदलाव ने आसान बनाई थी रामानंद की राह
जब 1986 में सूचना और प्रसारण मंत्री की कुर्सी पर अजित कुमार पांजा बैठे तो उन्होंने रामानंद सागर के इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखा दी और फिर 1987 में इसका टेलीकास्ट शुरू किया गया. उस वक्त रामायण ने सक्सेस के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. घर-घर में तय समय पर लोग सारा काम छोड़कर टीवी पर रामायण देखते थे. जिनके पास टीवी नहीं होता था, वो दूसरों के घर में बैठकर इस शो का लुत्फ उठाते थे. साल 2020 में लॉकडाउन के दौरान भी रामायण का टेलीकास्ट हुआ और ये शो उस वक्त भी सबसे ज्यादा देखे जाने वाले पौराणिक शोज की लिस्ट में शुमार हो गया था.