कामरूप डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन के अध्यक्ष एएफए बोरा और सदस्यों अर्चना डेका लखर और तूतुमोनी देवा गोस्वामी की बेंच ने कहा कि सफाई बनाए रखना सिनेमा हॉल के मालिक का कर्तव्य है. जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता ने गवाही में कहा था कि सिनेमा हॉल साफ नही था और पॉपकॉर्न और दूसरा खाने का सामान जमीन में पड़ा था, जिसकी वजह से चूहे घूम रहे थे. कोर्ट ने 25 अप्रैल को आदेश सुनाया कि इस शिकायतकर्ता की गवाही से ये लगता है कि सिनेमा हॉल में हर शो के बाद नियमित रूप से झाड़ू नहीं लगाई जाती है और सिनेमा हॉल की सुरक्षा और स्वच्छता की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया था. यह घटना 20 अक्टूबर, 2018 को गुवाहाटी के भंगागढ़ में गैलेरिया सिनेमा में हुई थी. उपभोक्ता फोरम के सामने शिकायत पांच महीने बाद स्वीकार की गई थी. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि फिल्म की स्क्रीनिंग के समय उसे एहसास हुआ था कि उसके पैरों से खून बह रहा था. जिसके बाद उसे दो घंटे तक निगरानी में रखा गया, क्योंकि यह पता नहीं चल पाया था कि उस समय उसे किसने काटा था. जिसके बाद महिला को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. महिला ने सिनेमा हॉल के मालिक से 6 लाख रुपये का मुआवजा मांगा था. मूवी हॉल के मालिक ने तर्क दिया कि शिकायत योग्य नहीं थी और महिला का उस समय इलाज भी किया गया था. इसका विरोध करते हुए महिला ने कहा कि जब वे सिनेमा हॉल के मालिक के पास इस बात को लेकर गई थी तब उन्होंने उनकी अगली फिल्म के लिए मुफ्त टिकट की पेशकश की थी. कोर्ट ने इस मामले में कहा कि इस घटना में सिनेमा हॉल की लापरवाही है. साथ ही निर्देश दिया कि 67,000 रुपये के मुआवजे का भुगतान 45 दिनों के भीतर किया जाए. कोर्ट ने बताया कि अगर भुगतान 45 दिनों के बाद किया जाएगा तो राशि के भुगतान तक 12 प्रतिशत प्रति वर्ष के हिसाब से ब्याज जोड़कर देना होगा.
थियेटर में चूहों की धमक, चलती फिल्म के बीच दर्शक को काटा… कोर्ट का आदेश-मालिक भरे जुर्माना…
May 4, 2023
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