Home » नरवा विकास कार्यक्रम: धमतरी जिले के वनक्षेत्रों में भू-जल स्तर में हो रहा लगातार सुधार
Breaking छत्तीसगढ़ राज्यों से

नरवा विकास कार्यक्रम: धमतरी जिले के वनक्षेत्रों में भू-जल स्तर में हो रहा लगातार सुधार

 धमतरी जिले के वनक्षेत्रों में भू-जल स्तर में हो रहा लगातार सुधार

वन्यप्राणियों के वनक्षेत्रों से बाहर आबादी क्षेत्रों में आने की घटनाओं में आई कमी

रायपुर.

नरवा विकास कार्यक्रम
नरवा विकास कार्यक्रम

जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के आज के समय में वाटर रिचार्जिंग सबसे बड़ी चुनौती है। जल स्त्रोतों को सहेजने और वाटर लेवल बढ़ाने की नवाचारी पहल करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार नालों का ट्रीटमेंट कर जल को सहेजने का कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अगुवाई में सुराजी गांव योजना के तहत नरवा कार्यक्रम में नालों का ट्रीटमेंट किया जा रहा है। इसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ में प्रवाहित होने वाले 13 हजार से ज्यादा नालों का उपचार वाटर रिचार्जिंग के लिए किया जा चुका है, जिसके सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा है कि नरवा विकास कार्यक्रम वन क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। भू-जल स्तर, सिंचाई के रकबे की वृद्धि के साथ जैव-विविधता की स्थिति बेहतर हो रही है। वन्य प्राणियों के वन क्षेत्र के बाहर आबादी क्षेत्रों में आने की घटनाओं में कमी आई है।

नरवा विकास कार्यक्रम

प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि नरवा कार्यक्रम में नालों के ट्रीटमेंट से पहले जमीन की डिटेल स्टडी किया जाता है, इसके बाद नालों के ट्रीटमेंट का कार्य होता है। सही जगह पर नरवा योजना के तहत नालों के ट्रीटमेंट से आज प्रदेश के कई जिलों में जलस्तर 7 सेमी से 30 सेमी तक बढ़ गया है।

नरवा विकास कार्यक्रम

नरवा विकास कार्य के तहत धमतरी वनमण्डल अंतर्गत चयनित नालों में उपचार किये जाने से वनक्षेत्रों के भू-स्तर में काफी सुधार दिखाई दे रहा है। वनवासियों एवं वनक्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पेयजल एवं निस्तारी आदि रोजमर्रा की जरूरतों के लिए पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो रहा है। इसका वे भरपूर लाभ प्राप्त कर रहे हैं। वनक्षेत्रों में जलस्तर सुधार होने से वन संरक्षण एवं संवर्धन के कार्याे को बढ़ावा मिलने के साथ -साथ वन्यप्राणियों के पीने एवं आवश्यकता हेतु बारह मासी नालों की संख्या में वृद्वि हो रही है। फलस्वरूप वन्यप्राणियों के वनक्षेत्रों से बाहर आबादी क्षेत्रों में आने की घटनाओं में भी कमी आई है।

धमतरी वनमंडल के डीएफओ श्री मयंक पाण्डेय ने बताया कि वन मण्डल के अंतर्गत कैम्पा मद के तहत नरवा विकास कार्यक्रम के तहत ए.पी.ओ. वर्ष 2019-20 में 07 नालों में 9669.000 हे. क्षेत्र में 2270 संरचनाएं , 2020-21 में 07 नालों में 8263.000 हे. क्षेत्र में 15596 संरचनाएं, 2021-22 में 04 नालों में 1977 हे. क्षेत्र में 13641 संरचनाएं एवं वर्ष 2022-23 में 06 नालों में 4810.000 हे. क्षेत्र में 34688 संरचनाएं इस प्रकार कुल 24 नालों में 24719.000 हे. क्षेत्र में 66195 संरचनाएं निर्मित किये गये हैं, शेष संरचनाएं निर्माणाधीन हैं। निर्मित संरचनाओं में स्टापडेम, गेबियन संरचना, ब्रश वुड चेक डेम, लूज बोल्डर चेक डेम, डाईक, डबरी, कन्टूर पाल, 30×40 मॉडल, डब्ल्यू.ए.टी., कन्टूर ट्रेंच, अर्दन डेम, ईजीपी, परकोलेशन टैंक, गल्ली प्लग, स्टोन बंड, ईपीजी, ईसीबी जैसी संरचनाएं बनाई गई हैं।

इसके अतिरिक्त धमतरी वनमण्डल अंतर्गत वन क्षेत्रों में निवासरत् लोगों के आवागमन में सुविधा के लिये ए.पी.ओ.वर्ष 2018-19 में 11.40 कि.मी.डब्ल्यू.बी.एम.रोड एवं 08 नग रपटा, पुलिया, ए.पी.ओ.वर्ष 2019-20 में 25.50 कि.मी.डब्ल्यू.बी.एम.रोड एवं 06 नग रपटा, पुलिया ,ए.पी.ओ.वर्ष 2020-21 में 06़ कि.मी.डब्ल्यू.बी.एम.रोड एवं ए.पी.ओ.वर्ष 2021-22 में 23.70 कि.मी.डब्ल्यू.बी.एम.रोड एवं 31 नग रपटा, पुलिया, कल्वर्ट इस प्रकार कुल 63.30 कि.मी.डब्ल्यू.बी.एम.रोड एवं 45 नग रपटा, पुलिया का निर्माण किया गया है।

About the author

NEWSDESK

Cricket Score

Advertisement

Live COVID-19 statistics for
India
Confirmed
0
Recovered
0
Deaths
0
Last updated: 1 minute ago

Advertisement

error: Content is protected !!