नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से इस बात पर बहस शुरू हो गई है कि क्या प्रेम विवाह करने वाले जोड़े माता-पिता की मर्जी से शादी करने वालों की तुलना में अधिक समय तक साथ नहीं रह पाते। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तलाक से जुड़े एक मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि तलाक के अधिकतर मामले प्रेम विवाह से जुड़े होते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लव मैरिज से तलाक की नौबत आ रही है। जस्टिस बीआर गवई और संजय करोल की पीठ ने यह टिप्पणी की। पीठ विवाह से जुड़े विवाद के मामले को ट्रांसफर किए जाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। मामले में अपनी दलील दे रहे वकील ने कोर्ट को बताया कि जिस विवाह को लेकर विवाद हुआ वह प्रेम विवाह था। इसपर जस्टिस गवई ने कहा, ज्यादातर तलाक लव मैरिज से ही हो रहे हैं। कोर्ट ने मध्यस्थता की पेशकश की तो पति ने इसका विरोध किया। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि हाल के एक फैसले के मद्देनजर महिला पति की सहमति के बिना भी उसे तलाक दे सकती है। इसके बाद बेंच ने मध्यस्थता का आह्वान किया और कहा कि पति-पत्नी को बातचीत कर अपने विवाद सुलझाना चाहिए।
प्रेम विवाह पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, कही गई ये बातें…
May 17, 2023
423 Views
2 Min Read
You may also like
About the author
NEWSDESK
Cricket Score
Live COVID-19 statistics for
India
Confirmed
0
Recovered
0
Deaths
0
Last updated: 28 minutes ago