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राज्य के अंतिम छोर के 7 राज्यों से जुड़े जिले के पेंशनरो ने भी मुख्यमन्त्री भूपेश के नाम पत्र भेजकर 9% महंगाई राहत मांगा

कई पेंशनर महंगाई राहत के इंतजार में काल के गाल में समा गए

छत्तीसगढ़ के हर जिले से गाँव गाँव से डाक से पत्र भेजे जा रहे हैं

भारतीय राज्य संयुक्त पेंशनर्स महासंघ के आव्हान पर प्रदेश में पेंशनर्स प्रतिदिन अपने निकट स्थित डाक घर के लाल डिब्बा के माध्यम से व्यक्तिगत अथवा समूह में मुख्यमन्त्री भूपेश बघेल के नाम निर्धारित मांग पत्र भेज कर जुलाई 22 से अब तक बकाया 9%महंगाई राहत की किस्ते देने हेतु आदेश जारी करने की मांग कर रहे है. केन्द्र सहित अनेक राज्यों ने पेंशनरों के लिए 42% के आदेश कर दिये है परंतु 33% में अटके छत्तीसगढ़ राज्य में 9% महंगाई राहत देने के आदेश लटकाये हुए हैं. छत्तीसगढ़ के चारों ओर लगे राज्य क्रमश: उत्तर प्रदेश से जुड़े जिला बलरामपुर कोरिया, मध्यप्रदेश से जिला पेंड्रा गौरेला मरवाही, महाराष्ट्र से जिला राजनांदगाँव, तेलंगाना से जिला बीजापुर, आंध्र प्रदेश से जिला सुकमा, ओड़िसा से जिला रायगढ़ तथा झारखण्ड से जिला जशपुर के निकट गावों- कस्बाई इलाकों के पेंशनभोगी परिवारों में मुख्यमन्त्री के नाम रोज- रोज पत्र भेजने के बृहत योजना मुख्यमन्त्री के गृह दुर्ग जिले से प्रारम्भ होकर माह मई 23 के अंत तक चलने वाले इस राज्यव्यापी अभियान को लेकर बहुत उत्साह है और वहाँ से प्रतिदिन मुख्यमन्त्री के नाम लाल डिब्बों में पत्र डाले जा रहे हैं. राष्ट्रीय महामन्त्री एवं छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के प्रदेश संयोजक वीरेंद्र नामदेव ने सीमावर्ती राज्यों के निकट के जिलों से प्रवास के बाद राजधानी लौटकर जारी विज्ञप्ति में उक्त जानकारी देते हुए आगे बताया है कि राज्य के बुजुर्ग पेंशनर्स केन्द्र के समान 42% महंगाई राहत की बाट देखते देखते थक गए हैं और कई काल के गाल में समा गए हैं. अनेक बीमार पेंशनर बकाया 9% महंगाई राहत एरियर सहित मोटी रकम मिलने से खर्च की पूर्ति की भरोसे पर अस्पताल में भर्ती होने के लिए इंतजार कर रहे हैं. कई अपनी बच्चों की शादी तिथि तय होने के बाद रुपए की आस में प्रतिदिन छत्तीसगढ़ सरकार के आदेश का बाट जोह रहे हैं. परंतु सरकार की खामोशी बुजुर्गो की जीवन में टीस बनती- बढ़ती जा रही है. मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) में दोनों राज्य की सहमति को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य सरकार जबरन बहानेबाजी बनाकर मनमानी करते आ रही है. अगर ऐसा भी है तो मध्यप्रदेश शासन द्वारा सहमति हेतु 30 जनवरी 23 के प्रेषित महंगाई राहत के प्रस्ताव को क्यों लटका कर रखा गया है, जबकि छत्तीसगढ़ के साथ ही अस्तित्व पर आये झारखंड और उतराखण्ड में यह समस्या क्यों नहीं है यह भी यक्ष प्रश्न बना हुआ है. जारी विज्ञप्ति में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ से जुड़े प्रदेश के विभिन्न जिलों के नेता क्रमशः वीरेन्द्र नामदेव,द्रोपदी यादव,जे पी मिश्रा,पूरनसिंह पटेल, अनिल गोल्हानी,बी के वर्मा,आर एन ताटी,दिनेश उपाध्याय,पं.आर जी बोहरे,सी एम पांडेय,राकेश जैन,महेश पोद्दार,ओ पी भट्ट,बसंत गुप्ता,पिताम्बर पारकर, हेमंत टांकसाले,नागेश कापेवार,प्रवीण त्रिवेदी, डॉ पी आर धृतलहरे,एच एल नामदेव,के आर राजपूत,विनोद जैन, जे पी भारतीय,गायत्री गोस्वामी,अनूप डे, सी एल चंद्रवँशी,रामचंद्र नामदेव,शरद अग्रवाल,डॉ एस पी वैश्य,बी डी उपाध्याय,बी एल यादव,नरसिंग राम,आर के नारद, प्रदीप सोनी,सुरेश शर्मा,एस के चिलमवार,लोचन पांडेय,सुरेश मिश्रा,एस के एस श्रीवास्तव,आलोक पांडेय,तीरथ यादव,रमेशचन्द्र नन्दे,जगदीश सिंह,उर्मिला शुक्ला,कुंती राणा, वन्दना दत्ता,परसराम यदु,अनूप योगी,ओ डी उपाध्याय,बी एल गजपाल,एन के भटनागर, डी के त्रिपाठी, एम आर शास्त्री, मीता मुखर्जी, पुरषोत्तम दुबे, सोमेश्वर प्रसाद तिवारी,हरेंद्र चंद्राकर, इलियास मोहम्मद शेख, व्ही टी सत्यम, रैमन दास झाड़ी, मो. अय्यूब खान, रविशंकर शुक्ला, गुज्जा रमेश, सुरेश कुमार घाटोडे, लोकचंद जैन,बलराम बिसोई, महेंद्र जैन,नागेंद्र सिंह तथा बी एस दसमेर आदि ने मुख्यमन्त्री भूपेश बघेल पर भरोसा जताया है कि चुनावी वर्ष के अंतिम महीनों में बुजुर्ग पेंशनरों के लम्बित 9℅ महंगाई राहत पर सकरात्मक निर्णय लेकर मध्यप्रदेश के प्रस्ताव पर सहमति देकर केन्द्र के समान देय तिथि से एरियर सहित भुगतान करने हेतु आदेश जारी कर राज्य के पेंशनरों और परिवार पेंशनरों को राहत प्रदान करने की मांग की है.

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