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पेंशनर्स की राष्ट्रीय बैठक में छत्तीसगढ़ के पेंशनर भी होंगे शामिल

भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के ग्वालियर मध्यप्रदेश में आयोजित राष्ट्रीय बैठक में दिनांक 27 व 28 मई को छत्तीसगढ़ राज्य से राष्ट्रीय महामन्त्री वीरेंद्र नामदेव के नेतृत्व में राष्ट्रीय सचिव पूरन सिंह पटेल, राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्य अनिल गोल्हानी, बस्तर सम्भाग के अध्यक्ष राम नारायण ताटी भाग लेने 26 मई को रायपुर से रवाना होंगे. जारी विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि इस बैठक में देशभर से 22 राज्यों के पेंशनर्स हिस्सा ले रहे हैं. बैठक में छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश के बीच राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 के तहत आर्थिक भुगतान में बाधक धारा 49 को विलोपित करने,पेंशनर को आयकर के दायरे से मुक्त करने, समय-समय पर उम्र बढ़ने के साथ 80 वर्ष के स्थान पर 65 वर्ष की उम्र से अतिरिक्त पेंशन में वृद्धि करने,30 जून एवं 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले पेंशनर को माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के परिपालन में वेतन वृद्धि का लाभ देने,केंद्र एवं सभी राज्यों में पेंशनर को प्रतिमाह ₹2000 मेडिकल भत्ता देने और इलाज में कैशलेस की सुविधा देने, केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर घोषित महंगाई भत्ता राज्य में पेंशनरों को केंद्र द्वारा घोषित तिथि एवं दर से देने हेतु राज्य सरकार को बाध्यकारी बनाये जाने हेतु संसद में कानून पारित करने, केन्द्र सरकार द्वारा कोविड काल में वरिष्ठ नागरिकों की रेल यात्रा में रोकी गई छूट की सुविधा को तुरन्त पुन: बहाल करने तथा केंद्र एवं राज्य पेंशनरों को बस किराए में 50% की छूट देने,पेंशनरों को भारत भ्रमण के लिए 3 वर्ष में एक बार आर्थिक सहायता दिये जाने, पेंशनर के मृत्यु होने के पश्चात उनके परिजनों को दाह संस्कार हेतु 10000 की आर्थिक मदद देने, सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को नई पेंशन योजना को रद्द कर पुरानी पेंशन का लाभ देने, पेंशनरों को निकायों एवं निगम मंडल के योजनाओं में निर्मित भवन आवंटन में 5% का आरक्षण देने, पेंशनर्स के सेवानिवृत्त होने के बाद मिलने वाली पेंशन राशि में अधिक भुगतान की वसूली पर हाई कोर्ट के निर्णय के परिपालन में स्थाई रोक के आदेश जारी करने, 31/12/1988 के पूर्व नियुक्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पश्चात अवकाश नकदीकरण की पात्रता देते हुए अहर्तादायी सेवा मान्य कर नियमित सेवानिवृत्ति कर्मचारी की भांति समस्त लाभ दिये जाने, केंद्र सहित सभी राज्यों में पूर्व कर्मचारी कल्याण बोर्ड का गठन कर पेंशनरों को प्रतिनिधित्व दिये जाने और उत्तर प्रदेश की भांति 20 वर्ष की सेवा पर पूर्ण पेंशन की पात्रता देने पर बैठक में चिंतन मनन कर रणनीति तय की जायेगी.

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