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“फार्मास्युटीकल ड्रग डिजाइनिंग और फॉर्मूलेशन में जैव प्रौद्योगिकी की ब्रिजिंग” थीम पर राष्ट्रीय सम्मेलन

  • रॉयल कॉलेज ऑफ फार्मेसी रायपुर में 13-14 अक्टूबर को “फार्मास्युटीकल ड्रग डिजाइनिंग और फॉर्मूलेशन में जैव प्रौद्योगिकी की ब्रिजिंग” थीम पर जैव प्रौद्योगिकी विभाग ( डीबीटी) , नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया l यह राष्ट्रीय सम्मेलन फार्मास्युटीकल ड्रग डिजाइनिंग और फॉर्मूलेशन में ब्रिज ऑफ बायोटेक्रोलॉजी को बढ़ावा देना हैं , जिसका उद्देश्य शिक्षाविदों , फार्मास्युटीकल विज्ञान , जैव प्रौद्योगिकी और अन्य विषयों जैसे विभिन्न क्षेत्रों के शोधकर्ताओं को एक मंच प्रदान करना हैं l इसके अलावा , उद्योग के प्रतिनिधियों के लिए विकास, दवा डिजाइन और फॉर्मूलेशन की दिशा में जैव प्रौद्योगिकी पर विशेष जोर देने के साथ फार्मास्युटीकल अनुसंधान में विकास और तकनीकी प्रगति में अपने अनुसंधान और व्यवहारिक अनुभवों और चुनौतियों को साझा करने और आदान – प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान करना हैं। इसका उद्देश्य मानव जाति के लाभ के लिए भविष्य के अनुसंधान को उचित दिशा और दृष्टि प्रमाण करना हैं। इस सम्मेलन के लिए विभिन्न संस्थाओं से कुल लगभग 550 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया गया हैं। फार्मास्युटीकल कॉलेज, बारपाली, कॉलेज उड़ीसा आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी, भोपाल, डॉ. राजेंद्र बोडे कॉलेज, महाराष्ट्र, कलिंगा यूनिवर्सिटी, आरआईटीईई, रूंगटा कॉलेज, रविशंकर शुक्ल विश्व विद्यालय यू आईओपी, जीजियू केद्रीय विश्वविद्यालय जेके कॉलेज,चैकसे कॉलेज आदि को मौखिक और पोस्टर के रूप में अपने शोध कार्य में भाग लेने और प्रस्तुत करने के लिए मंच तैयार किया गया हैं। इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में, एन. आर. बी. आई. लखनऊ के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. चंद्रशेखर मोहंती ने “फार्मास्युटीकल उपयोग के लिए कम उपयोग की गई फलियों के बीच विशिष्ट माध्यमिक मेटाबोलालाइट्स के जैव संश्लेषण की खोज और व्याख्या ” विषय पर व्याख्यान दिया गया । एन. आई. टी. रायपुर की डॉ. प्रतिमा गुप्ता ने बायोफिल्म से जुड़े संक्रामक रोग के खिलाफ लेड यौगिको के इन – विट्रो परीक्षण पर ध्यान। केंद्रित किया। एस. पी. एस, विस्टास , चेन्नई से प्रो. जी. सरवनन द्वारा “फार्मास्युटीकल ड्रग डिजाइन, डिस्कवरी और विकास प्रक्रिया ” पर व्याख्यान दिया गया। भारत में फार्मास्युटीकल उद्योग , शिक्षा और अनुसंधान नीतियों पर वर्तमान परीदृश्य पर एक और व्याखान डी. आई.पी. एस. एस. ए. आर. विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. प्रवत कुमार साहू द्वारा दिया गया। अंतिम व्याखान श्याम शाह मेडिकल कॉलेज,रीवा, शासकीय डॉ. शंखपाणी महापात्रा द्वारा दिया गया । एम पी के ” फार्मास्युटीकल ड्रग डिजाइन में जैव प्रौद्योगिकी की भूमिका : चुनौतियों और उपलब्धियां ” पर कवर किया गया। इस दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान संस्था के अध्यक्ष श्री तोषण चंद्राकर,सचिव श्री कमल चंद्राकर , प्राचार्य डॉ. दीपक कुमार दास, संयोजक डॉ. अनिल कुमार साहू, सह – संयोजक डॉ. रुद्र प्रताप सिंह राजपूत, रॉयल कॉलेज ऑफ फार्मेसी,रायपुर के शिक्षक स्टाफ उपस्थित थे।

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