कार्तिक का महीना मां लक्ष्मी और विष्णु जी को समर्पित है. श्रीहरि विष्णु जहां सृष्टि के पालनहार हैं तो वहीं लक्ष्मी जी समस्त सुखों को प्रदान करने वाली देवी. कार्तिक में दिवाली पर धन, सुख, ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है.
इस साल दिवाली 12 नवंबर 2023 को है. देवी-देवताओं में श्रीहरि-लक्ष्मी जी बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं. अक्सर तस्वीरों में देखा जाता है कि मां लक्ष्मी विष्णु जी के चरणों के निकट बैठती हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि धन की देवी होने के बावजूद भी मां लक्ष्मी विष्णु जी चरण क्यों दबाती हैं ? जानें इसकी रोचक वजह
श्रीहरि के चरण क्यों दबाती हैं लक्ष्मी जी ?
एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार नारद जी ने मां लक्ष्मी से पूछा कि आप श्रीहरि के पैर क्यों दबाती रहती हैं? तब मां लक्ष्मी ने कहा कि मनुष्य हो या फिर देवता, ग्रहों का प्रभाव सभी पर समान रूप से प?ता है. स्त्रियों के हाथ में देवगुरु निवास करते हैं, जबकि पुरुष के पैरों में दैत्यगुरु शुक्राचार्य का वास होता है. इसलिए जब भी एक स्त्री पुरुष के चरण स्पर्श करती है तो देव व दानव का मिलन होता है और इससे धनलाभ होता है. यही कारण मां लक्ष्मी श्रीहरि के चरण दबाती हैं.
दूसरी कथा
एक अन्य कथा के अनुसार अलक्ष्मी अपनी बड़ी बहन मां लक्ष्मी जी के सौंदर्य को देखर बहुत ईर्ष्या करती थीं क्योंकि लक्ष्मी बेहद सुंदर थीं. वहीं अलक्ष्मी आकर्षक नहीं थीं. देवी लक्ष्मी जब भी विष्णु जी के साथ होतीं, तब अलक्ष्मी वहां पहुंच जाती थीं. ये बात लक्ष्मी जी को पसंद नहीं आती थी. अलक्ष्मी ने कहा कि उनकी कोई पूजा नहीं करता है. इसलिए जहां भी लक्ष्मी जी जाएंगी वो वहां उनके साथ आएगी.
इस बात से क्रोधित होकर लक्ष्मी जी ने अपनी बहन अलक्ष्मी को श्राप दिया कि जहां ईर्ष्या, लालच, आलस, रोष और गंदगी होगी वहां तुम निवास करोगी. ऐसे में अपने मां लक्ष्मी हमेशा ही अपने पति के चरणों की गंदगी दूर करती रहती हैं जिससे अलक्ष्मी कभी भी उनके पास न आ पाए.
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