800 प्रकरण लंबित पर कार्यवाही कुछ नही
कोष लेखा एवं पेंशन के संचालक महादेव कावरे द्वारा मंगलवार को पेंशन मामलों की समीक्षा बैठक की गई। पेंशन संचालक खुद कह रहे है कि प्रदेश में 800 प्रकरण लंबित है। वे यह भी कह रहे है, प्रकरण की तैयारी 2 वर्ष पहले से हो और रिटायरमेंट तिथि पर पेंशन पेमेंट आदेश मिलना चाहिए। यानी की ऐसा कुछ नही हो रहा है जबकि इस पर शासन का स्थाई आदेश पहले से है।हम बरसों देखते आ रहे है कि जब भी नया संचालक आता है। इस तरह की औचित्यहीन बैठक लेकर महज खानापूर्ति दिखावा करने के अलावा कुछ नही करता। प्रकरण में देरी के लिए जिम्मेदारी तय नहीं की जाती।किसी पर कोई कार्यवाही न कर केवल हवा हवाई बातें कर सब कुछ भूल जाने की प्रवृत्ति बनी हुई है। उक्त आरोप जारी विज्ञप्ति में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने लगाया है। जारी विज्ञप्ति में उन्होंने आगे बताया है कि संचालक कोष लेखा एवं पेंशन के बैठक के आंकड़ों से यह तय कि रायपुर और बिलासपुर संयुक्त संचालक कार्यालय में सबसे ज्यादा पेंडिंग प्रकरण है। रायपुर में तो लंबे समय से जमे अफसर और सम्बन्धित सीट पर लम्बे समय जमे उनके विश्वासपात्र की मेहरबानी का नतीजा पेंशनर भुगत रहे है।अगर संचालक सचमुच में पेंशन प्रकरणों का त्वरित निराकरण चाहते है तो इसके लिए जिम्मेदार लोगो पर सख्त कार्रवाई करे और वर्षो से जमे अफसरों खासकर संयुक्त संचालक कार्यालय में सीट परिवर्तन के साथ बिना भेदभाव आमूल चूल परिवर्तन किया जाना जरूरी है। सीट परिवर्तन में इस बात की ख्याल रखना होगा कि यह पहले की तरह दिखावा बनकर न रह जाए।
भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव, अन्य पदाधिकारी क्रमश: जयप्रकाश मिश्रा, द्रोपदी यादव, कुंती राणा,अनिल गोल्हानी,पूरन सिंह पटेल, अनिल पाठक,अनूप श्रीवास्तव,आर एन ताटी, ओ पी भट्ट,बी के वर्मा, राकेश जैन डी पी गजेंद्र,आर जी बोहरे,लोचन पांडेय,रमेश नन्दे,प्रवीण त्रिवेदी, प्रदीप सोनी,आलोक पाण्डे, सी एल चंद्रवंशी,बी एल यादव, उर्मिला शुक्ला, नरसिंग राम ,आर के नारद,एस के चिलमवार,वंदना दत्ता, सुरेश शर्मा, सी एम पाण्डे,महेश पोद्दार, नागेश कापेवार, अब्दुल वाहिद खान,बसंत गुप्ता, पीतांबर पारकर सोमेश्वर प्रसाद तिवारी,पी आर कटोलकर,नागेन्द्र सिंह, आई एस परिहार , एस पी गौतम, आर डी साहू पी आर साहू,बी के शर्मा, सदा राम ठाकुर,शम्भू नाथ देहारी ,दिवाकर प्रसाद द्विवेदी, पोपट लाल नाग,नामदास साहू, अनंत मोहित दास, आर एन ताटी,दिनेश कुमार सतमन श्रीमती जयमनी ठाकुर, आई सी श्रीवास्तव, के एस ठाकुर, गोपाल यादव, तीरथ यादव, आदि ने जारी विज्ञप्ति में उन्होंने आगे बताया है कि जिलो में अनेक विभाग ऐसे है जहां सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों के प्रकरण समय सीमा तैयार नहीं किए जाते हैं। कर्मचारी रिटायर होने बाद प्रकरण विलम्ब से अपडेट किए जाते हैं।लोग कोषालय से पेंशन पेमेंट आदेश (पीपीओ) जारी होने को लेकर सबसे ज्यादा परेशान है जो बिना लेन के कभी जारी नहीं होता।कुछ पहुंच वालों को छोड़कर 95% प्रतिशत रिटायर कर्मचारियों अधिकारियों को पीपीओ जारी कराने मजबूरी में लेन देन के रास्ते ही गुजरना पड़ता है। संचालक से लेकर कोषालय से जुड़े सारे अधिकारी कर्मचारी की जानकारी में प्रकरण रोके जाने की परम्परा वर्षो से चली आ रही हैं।इस पर गम्भीरता से विचार कर संचालक कोष लेखा एवं पेंशन से समाधान निकालने की मांग की है।