उच्चतम न्यायालय ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को चुनावी बांड के यूनिक अल्फ़ा न्यूमेरिक नंबरों सहित संपूर्ण विवरण (जो चुनाव आयोग को वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए) का खुलासा नहीं करने पर शुक्रवार को फटकार लगाई और उसे नोटिस जारी करके सोमवार तक अपना जबाव दाखिल करने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ , न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की संविधान पीठ ने एसबीआई को नोटिस जारी करते हुए कहा कि अदालत को सूचित किया गया कि चुनावी बांड जारी करने वाले बैंक ने प्रत्येक बांड की यूनिक अल्फ़ा न्यूमेरिक संख्या का खुलासा नहीं किया है।
शीर्ष अदालत के समक्ष वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि 15 फरवरी 2024 के संविधान पीठ के फैसले के अनुसार सभी विवरणों का खुलासा किया जाना था। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चूंकि एसबीआई फैसले में एक पक्ष है इसलिए उसे नोटिस जारी किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि एसबीआई के वकील को यहां होना चाहिए था। पीठ ने कहा, “यदि आप फैसले को देखें तो पता लगेगा कि हमने निर्दिष्ट किया है कि बांड नंबर प्रदान करना होगा।” मुख्य याचिकाकर्ता एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण पेश हुए।
चुनाव आयोग के एक आवेदन पर पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत के समक्ष चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तुत चुनावी बांड का विवरण स्कैन किया जाना चाहिए और इसे वेबसाइट पर अपलोड करने के उद्देश्य से वापस किया जाना चाहिए। चुनाव आयोग ने अधिवक्ता अमित शर्मा के माध्यम से शीर्ष में एक याचिका दायर कर 12 अप्रैल 2019 और 2 नवंबर 2023 के पिछले आदेशों के संदर्भ में शीर्ष अदालत को सौंपे गए चुनावी बांड पर डेटा जारी करने का निर्देश देने की मांग की। शीर्ष अदालत के 11 मार्च 2024 के आदेश के अनुसार चुनाव आयोग ने गुरुवार को एसबीआई द्वारा उसे दिए गए चुनावी बांड पर डेटा अपलोड कर दिया था।