दिल्ली हाईकोर्ट ने फोर्सली रिटायर किए गए आईपीएस अधिकारी और पूर्व एडीजी जीपी सिंह के पक्ष में कैट (सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल) के फैसले पर मुहर लगा दी है। इस निर्णय के बाद जीपी सिंह की पुलिस विभाग में जल्द ही बहाली होने की संभावना है।
जीपी सिंह, जो 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, को राज्य सरकार की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने जबरन सेवानिवृत्ति (फोर्सली रिटायरमेंट) देने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ सिंह ने कैट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें कैट ने 30 अप्रैल को उनके पक्ष में फैसला सुनाया था। अब दिल्ली हाईकोर्ट ने इस फैसले को सही ठहराया है, जिससे सिंह की वापसी का रास्ता साफ हो गया है।
पृष्ठभूमि:
जीपी सिंह के खिलाफ 5 जुलाई 2021 को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में कार्रवाई की गई थी। इसके तीन दिन बाद, 8 जुलाई 2021 को, उनके खिलाफ कोतवाली थाना में राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया। राजद्रोह का मुकदमा दर्ज होने के अगले दिन, 9 जुलाई 2021 को सिंह ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोपों को राजनीतिक प्रताड़ना का मामला बताया।
इस बीच, आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह के मामलों में ईओडब्लू (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) ने उन्हें गुड़गांव से गिरफ्तार किया, और वह लंबे समय तक जेल में रहे। इसके बाद, राज्य सरकार की सिफारिश पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें जबरन सेवानिवृत्त करने का आदेश जारी किया था।
अब, दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद सिंह की पुनर्बहाली की संभावना प्रबल हो गई है, जिससे पुलिस विभाग में उनका वापसी का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।