रायपुर .छत्तीसगढ़ में बस्तर जिला मुख्यालय से नौ किलोमीटर दूर स्थित ग्राम भाटीगुड़ा और इसके आस-पास के सात गांवों के सैकड़ों ग्रामीण मिलकर गत चार दशक से 800 एकड़ के जंगल को सहेज रहे हैं।चार दशक पहले जब इस जंगल पर संकट आते दिखा, ग्रामीण इसकी हिफाजत को एकजुट हो गए। तब से सभी ग्रामीण मिलकर इस जंगल का संरक्षण कर रहे हैं। वे पेड़ों की सुरक्षा के लिए चौकीदारी करते हैं। यहां पेड़ काटने पर पूरी तरह प्रतिबंध है।विकास के साथ कदमताल इन्होंने भी किया है, लेकिन प्रकृति को बिना कोई नुकसान पहुंचाए बल्कि प्रकृति का संरक्षण करते हुए। साल का यह समृद्ध जंगल यहां के ग्रामीणों की जिंदगी बन चुका है।जंगल से ही ग्रामीणों का निस्तार होता है। यही जंगल उनकी मवेशियों का चारागाह भी है। इस जंगल से ही प्रख्यात बस्तर दशहरा के रथ के लिए पहली लकड़ी लाई जाती है।
बस्तर के आदिवासियों ने सहेज कर रखा है 800 एकड़ का समृद्ध जंगल
June 2, 2018
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