बालोद । देश के कई राज्यों में पिछले कुछ महीनों से कई ट्रेनों को डिरेल करने की कोशिशों के मामले सामने आए हैं। बुधवार को एक ऐसी ही कोशिश का मामला छत्तीसगढ़ के दल्लीराजहरा से सामने आया है। यहां दल्लीराजहरा से आयरन भरकर भिलाई की तरफ जा रही मालगाड़ी पर ग्राम कुसुमकसा के पास अज्ञात लोगों ने पथराव किया है। लोको पायलट थानेश्वर सिंह देशमुख को पत्थर लगने से सर पर चोट आई है। इसके बाद उन्होंने ट्रेन को बालोद स्टेशन पर रोक दिया और उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया। इस घटना के बाद आरपीएफ की टीम कार्यवाही में जुट गई है।
लोको पायलट ने दी मामले की जानकारी
इस घटनाक्रम को लेकर घायल लोको पायलट ने बताया कि, दोपहर तक़रीबन डेढ़ बजे दल्लीराजहरा से मालगाड़ी में आयरन ओर भरकर दुर्ग की ओर जा रहे थे। तभी कुसुमकसा के पास स्टार्टर और एडवांस स्टार्टर सिग्नल के बीच किसी अज्ञात के द्वारा खिड़की की ओर से एक बड़ा पत्थर फेंका गया। जिससे उनके सिर पर चोट लगी। जिसकी सूचना तत्काल उनके द्वारा बालोद और कुसुमकसा स्टेशन को दी गई। जिसके बाद आगे सेक्शन क्लियर कर बालोद में गाड़ी को खड़ा किया गया। फिर रेलवे के अन्य स्टाफ के द्वारा उन्हें जिला अस्पताल लाया गया।
आरपीएफ की टीम पहुंची जिला अस्पताल
इस घटना की जानकारी मिलते ही आरपीएफ की टीम जिला अस्पताल पहुंची। जहां उन्होंने घायल लोको पायलट का बयान लिया और आगे की कार्यवाही में जुट गई है
ट्रेनों को बनाया जा रहा निशाना
उल्लेखनीय है कि, हाल ही में यूपी के कानपुर जिले में 8 सितंबर की रात को कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने के लिए ट्रैक पर रसोई गैस सिलेंडर और पेट्रोल से भरी बोतल रखी गई थी। जिसमें ऐसा लग रहा कि ट्रेन को पटरी से उतारने के साथ ही उसमें आग लगाने की भी साजिश थी। लेकिन गनीमत रही कि ट्रेन सिलेंडर से टकराने के बाद सिलेंडर फटा नहीं और कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।
उत्तराखंड में पटरी पर रख दिया लोहे का खंभा
अभी इस घटना की जांच चल ही रही थी कि, उत्तराखंड में बिलासपुर रोड और रुद्रपुर सिटी के बीच 18 सितंबर की देर रात को रेलवे ट्रैक के ऊपर ट्रेन को पलटाने की साजिश रचते हुए करीब छह मीटर लंबा लोहे का खंभा ही रख दिया गया।