सीजीपीएससी घोटाले में CBI ने सोमवार को तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और कारोबारी एसके गोयल को गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपियों को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश लीलाधर साय यादव की कोर्ट में किया पेश गया। जहां कोर्ट ने उन्हें 10 की रिमांड पर भेज दिया है।
कोर्ट में सीबीआई ने टामन सिंह सोनवानी और एसके गोयल की 10 दिन की रिमांड मांगी थी। जहां एसके गोयल की ओर से उनके वकील ने सीबीआई के आरोपों को झूठ और असत्य बताया। उसके वकील ने माना कि, एनजीओ को रकम दिया गया था। सभी एनजीओ को सीएसआर फंड से रकम दिया जाता है और रकम देने के पीछे उनकी मंशा गलत नहीं थी। जिसके बाद कोर्ट ने दोनों को रिमांड पर भेज दिया।
18 नवंबर को हुई गिरफ्तारी
उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ राज्य सिविल सेवा परीक्षा घोटाले में आरोपी और पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को 18 नवंबर को CBI ने गिरफ्तार किया था। CBI ने कुछ महीने पहले ही सोनवानी के घर पर छापा मारा था। चेयरमैन के पद पर रहने के दौरान सोनवानी पर चयन के एवज में अभ्यर्थियों से लाखों रुपये रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं। साथ ही तत्कालीन सचिव जेके ध्रुव और अन्य लोगों के खिलाफ कथित भाई-भतीजावाद और अपने अयोग्य रिश्तेदारों और परिचितों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी जैसे बड़े पदों पर भर्ती सुनिश्चित करने के लिए मेरिट सूची में डालने के आरोप लगे हैं।
जानें क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ पब्लिक सर्विस कमीशन (CGPSC) का काम राज्य में विभिन्न विभागों में भर्तियां कराने का होता है। इसी में से एक भर्ती राज्य सरकार के प्रशासनिक पदों पर बैठने वालों के लिए आयोजित कराई जाती है। इसके तहत DSP, डिस्ट्रिक्ट एक्साइज ऑफिसर, ट्रांसपोर्ट सब-इंस्पेक्टर, एक्साइज सब-इंस्पेक्टर जैसे पदों के लिए भर्ती होती है। CGPSC की ऐसी ही एक भर्ती में घोटाले का आरोप लगा है। परीक्षा में धांधली के आरोप लगाए गए हैं। 18 अभ्यर्थियों के सलेक्शन पर सवाल खड़े किए गए हैं।
करीबी रिश्तेदारों को नियुक्ति देने का आरोप
छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित इस घोटाले के बारे में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक CGPSC के तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, राजभवन के तत्कालीन सेक्रेटरी अमृत खलको समेत कई अधिकारियों के बेटे-बेटियों और करीबी रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर और DSP जैसे पदों पर नियुक्ति देने के आरोप हैं। मामले को लेकर पूर्व बीजेपी नेता ननकी राम कंवर ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी।
171 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित हुई थी
CGPSC परीक्षा का नोटिफिकेशन साल 2021 में जारी किया था। भर्ती के लिए कुल पद थे 171 थे। प्री एग्जाम 13 फरवरी 2022 को कराया गया। जिसमें कुल 2 हजार 565 पास हुए थे। इसके बाद आई मेंस एग्जाम की बारी। 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को मेंस परीक्षा कराई गई। जिसमें कुल 509 अभ्यर्थी पास हुए। इनको इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। जिसके बाद 11 मई 2023 को परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी हुआ। 170 अभ्यर्थियों का इसमें फाइनल सिलेक्शन हुआ।
बड़े पदों पर अपनों की नियुक्ति के आरोप
हाई कोर्ट में दायर याचिका में PSC के चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के पांच करीबियों की नियुक्ति के बारे में बताया गया है। इनकी लिस्ट सौंपी गई है। अखबारों में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सोनवानी के अपने परिवार, उनके करीबी रिश्तेदारों के बच्चों को डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे बड़े और ताकतवर पदों के लिए चुना गया है। वहीं छत्तीसगढ़ के कुछ बड़े अधिकारियों के बच्चों को भी आबकारी, श्रम विभाग में ऊंचे ओहदों पर नियुक्त कर दिया गया।