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कृषि विश्वविद्यालय के स्टार्टअप के उत्पाद जापान और अन्य एशियाई देशों में बिकेंगे

रायपुर । इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में संचालित एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन सेन्टर, (राबी) के स्टार्टअप ‘‘उर्वरक इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड’’ एवं ‘‘कोनोइके ग्रुप, जापान’’ के बीच आज यहां एक एम.ओ.यू. हस्ताक्षर समारोह का आयोजन किया गया। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल की उपस्थिति में उर्वरक इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक अनिल पासरी एवं कोनोइके ग्रुप के महाप्रबंधक कात्सुफुमि ओत्सुकी ने एम.ओ.यू. में हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर कोनोइके ग्रुप सीनियर बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर हीरोशी सोएजिमा, कार्यकारी अधिकारी तोशिहिरो फुजिवारा और उनकी टीम सहित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक एवं निदेशकगण तथा कृषि महाविद्यालय, रायपुर के अधिष्ठाता एवं एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन सेन्टर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. हुलास पाठक एवं उद्योगपति उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि इस अनुबंध के तहत छत्तीसगढ़ के स्टार्टअप ‘‘उर्वरक इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड’’ द्वारा उत्पादित ‘‘सॉइल कंडीशनर’’ एवं अन्य उत्पादों को जापान और अन्य उपमहाद्वीपों के देशों में विक्रय किया जा सकेगा। उर्वरक इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्टील स्लैग से एक अभिनव उत्पाद, “सॉइल कंडीशनर“ विकसित किया है, जिसमें 13 प्रमुख सूक्ष्म पोषक तत्व हैं। यह उत्पाद फसल उत्पादन में वृद्धि करता है और किसानों की आय को बढ़ाता है। एमओयू समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने स्टार्टअप को बधाई दी और जापानी प्रतिनिधियों के साथ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के स्टार्टअप इकोसिस्टम को साझा किया। उन्होंने भविष्य में और अन्य स्टार्टअप्स के साथ साझेदारी करने का स्वागत किया, ताकि वैश्विक स्तर पर विकास हो सके। कोनोइके ग्रुप के महाप्रबंधक कात्सुफुमि ओत्सुकी ने अपने संबोधन में अपनी लॉजिस्टिक्स कंपनी और जापान में इस उत्पाद को बाजार में लाने की रणनीतियों पर चर्चा की। उन्होंने जापान की औद्योगिक संस्कृति और वहां के औद्योगिक क्षेत्र के जीडीपी में योगदान के बारे में बताया। इस अवसर पर आई.जी.के.वी. राबी, रायपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. हुलास पाठक ने स्टार्टअप को बधाई दी और सभी गणमान्य अतिथियों को संबोधित किया। उन्होंने कृषि व्यवसाय में नवाचार को मजबूत करने और अर्थव्यवस्था में इसके योगदान में इनक्यूबेशन केंद्र की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि प्ळज्ञट के इनक्यूबेशन केंद्र ने 300 प्रारंभिक चरण के स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट किया है, जिनमें से 119 स्टार्टअप्स को 13.28 करोड़ रुपये की ग्रांट-इन-एड सहायता के लिए अनुशंसित किया गया है। इन स्टार्टअप्स ने 10 लाख से अधिक किसानों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है।

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