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अंगूठा काटने की बात करने वालों ने काटे सिखों के गले, राहुल पर अनुराग का पलटवार

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद अनुराग ठाकुर ने शनिवार को विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा और कहा कि उन्हें भारतीय संविधान के बारे में बुनियादी ज्ञान का अभाव है। अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में कहा कि संविधान की कॉपी लहराने वालों को यह भी नहीं पता कि भारतीय संविधान में कितने पन्ने हैं। भारतीय संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे होने पर एक बहस के दौरान बोलते हुए, भाजपा सांसद ने कहा कि आपने (कांग्रेस) कभी संविधान नहीं पढ़ा। यह संविधान की शक्ति थी जिसने इंदिरा गांधी को आपातकाल वापस लेने के लिए मजबूर किया।

राहुल गांधी के ‘एकलव्य का अंगूठा’ तंज का जवाब देते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा, “ये जो अंगूठा काटने की बात करते हैं इन्होंने सिखों के गले काटने का काम किया था।” हमीरपुर सांसद ने आगे कहा, “वे सिख अधिकारों के बारे में बात करते हैं? कांग्रेस के शासनकाल में सबसे ज्यादा सिखों के सिर काटे गए।” अनुराग ठाकुर ने संविधान की गलत व्याख्या करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा, “संविधान ही था जिसने 1975 में लगाए गए आपातकाल को समाप्त किया।”

बाहर भाजपा नेता ने मीडिया से कहा कि पिछली बार मैंने सभी विपक्षी सांसदों से पूछा था कि आप जो संविधान लेकर चलते हैं उसमें कितने पन्ने हैं। कोई सांसद नहीं बता पाया। उन्होंने कहा कि आज मैं आपके सामने वो किताब लेकर आया हूं जिसे राहुल गांधी संविधान कहते हैं। इसमें उनके परिवार और पार्टी दोनों की सच्चाई शामिल है. सच तो यह है कि जो प्रस्तावना लिखी गई है, वह सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील गोपाल शंकर नारायण ने लिखी थी। उन्होंने लिखा है कि उस समय जो संविधान बनाया गया था, वह देश के बहुत बुद्धिमान लोगों द्वारा बनाया गया था जिसमें बाबा साहेब अम्बेडकर थे। 

उन्होंने कहा कि सभी ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई। लेकिन अगर आप ध्यान से पढ़ेंगे तो उन्होंने लिखा है कि शुक्र है कि उस समय जो संविधान बनाया गया था, वह नेहरूवादी सोच से प्रभावित नहीं था। दूसरे, उन्होंने आगे लिखा है कि अगर इस संविधान में ताकत नहीं होती तो भारत के आम नागरिकों को आपातकाल के काले अध्याय से आजादी नहीं मिलती, उन्हें उनके अधिकार नहीं मिलते…कांग्रेस ने तो न्यायपालिका को भी धमकी दे दी होती। 

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को लोकसभा में सरकार पर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया कि जिस तरह एकलव्य का अंगूठा कटा था, उसी तरह से आज देश के युवाओं का अंगूठा काटा जा रहा है। उन्होंने ‘संविधान की 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि आज भारत में एक वैचारिक लड़ाई चल रही है और विपक्ष की तरफ बैठे लोग संविधान के विचारों के संरक्षक हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि विपक्षी दल सत्ता में आने पर जातिगत जनगणना करवाएंगे और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को भी तोड़ेंगे। 

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