माता पंडालों और गरबा स्थलों से गूंजा स्वास्थ्य संकल्प, हज़ारों महिलाओं ने लिया प्रण
दंतेवाड़ा, डोंगरगढ़ और रतनपुर में ‘शक्ति आरोग्य शिविर’; श्रद्धालुओं को विशेषज्ञ जांच व नि:शुल्क परामर्श
नवरात्रि का पर्व इस बार छत्तीसगढ़ में केवल आस्था और उत्सव तक सीमित नहीं रहा, बल्कि महिला स्वास्थ्य और सामाजिक चेतना का भी मंच बन गया। प्रदेश में चल रहे ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ अभियान के तहत माता पंडालों और गरबा स्थलों पर हज़ारों महिलाओं ने स्वास्थ्य संकल्प लिया और परिवार की समृद्धि के लिए नारी के अच्छे स्वास्थ्य को सबसे बड़ी प्राथमिकता मानने का संदेश दिया।

स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने उत्सव स्थल पर महिलाओं को स्वच्छता, संतुलित आहार, नियमित स्वास्थ्य जांच और मासिक धर्म स्वच्छता के महत्व की जानकारी दी। भक्ति गीतों और गरबा की धुनों के बीच जब मंच से स्वास्थ्य संदेश गूंजे तो वे किसी उपदेश की तरह नहीं लगे, बल्कि उत्सव का ही हिस्सा बन गए। महिलाओं ने न केवल इन्हें सुना बल्कि गंभीरता से अपनाने का संकल्प भी लिया।
रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बलौदाबाजार और राजनांदगांव सहित प्रदेश के सभी जिलों में आयोजित कार्यक्रमों ने यह तथ्य रेखांकित किया कि महिला का स्वास्थ्य ही परिवार और समाज की समृद्धि का आधार है।
तीर्थ स्थलों पर ‘शक्ति आरोग्य शिविर’
नवरात्रि के पावन अवसर पर धार्मिक आस्था और स्वास्थ्य को जोड़ते हुए दंतेवाड़ा स्थित माता दंतेवश्वरी मंदिर, डोंगरगढ़ की बम्लेश्वरी मंदिर और रतनपुर की महामाया मंदिर में विशेष ‘शक्ति आरोग्य शिविर’ आयोजित किए गए। इन शिविरों में श्रद्धालु महिलाओं को नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच, विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श तथा पोषण, एनीमिया नियंत्रण और व्यक्तिगत स्वच्छता पर मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जा रहा है। स्वास्थ्य सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध कराई गई हैं ताकि दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को तुरंत लाभ मिल सके।

स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने रतनपुर में माता महामाया के दर्शन उपरांत शिविरों का जायजा लिया और कहा कि यह प्रयास केवल स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने तक सीमित नहीं है, बल्कि महिलाओं को जागरूक, सशक्त और सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करने का भी माध्यम है। उन्होंने कहा कि नवरात्रि जैसे धार्मिक आयोजनों को स्वास्थ्य अभियान से जोड़कर छत्तीसगढ़ ने देश के सामने एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है।
यह पहल साबित कर रही है कि नारी स्वास्थ्य ही परिवार और समाज की वास्तविक शक्ति है, और इसी से भविष्य की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है।













