बेमेतरा। जिले के नवागढ़ विकासखड के सुदुरवर्ती ग्राम-गिधवा-परसदा एवं मुरकुटा जलाशयों मे जलीय एवं थलीय प्रवासी पक्षी अक्टूबर से फरवरी माह तक अपना डेरा डालते है। यहां का वेटलैंड (आर्द्रभूमि) पक्षियों के लिए अनुकुल पायी गई है। पक्षियों को यहां भरपूर भोजन उपलब्ध होता है। गिधवा-परसदा एवं मुरकुटा मे पक्षियों को निहारने पर्यटक आने लगे है। हाल ही मे गिधवा-परसदा मे हमर चिरई-हमर चिन्हारी तीन दिवसीय पक्षी महोत्सव का आयोजन किया गया था। ग्राम मुरकुट की महिलाएं जलाशय के आस-पास के परिवेश को साफ सुथरा एवं स्वच्छ रखने के उद्देश्य से हाथ मे झाडू लेकर सफाई का बीड़ा उठाया है। यहां आने वाले पर्यटक अपने साथ प्लास्टिक पानी की बॉटल, खाद्य सामग्री पॉलीथिन लेकर आते है, जिसका उपयोग कर वे उसे वहीं छोड़ जाते है। पक्षियों को बेहतर वातावरण मुहैया कराने के उद्देश्य से गांव की महलाएं जलाशय के आस-पास कचरा साफ करने लगी है। ग्राम गिधवा-परसदा की पहचान विदेशी परिन्दों से होने लगी है। शीघ्र यहां ईको-टुरिज्म को बढ़ावा दिया जायेगा। पक्षियों को संरक्षण देने ग्रामीणों ने चिरई-चिरगुन को किसी प्रकार से हानि नही पहुंचाने का संकल्प लिया है।
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