Saturday, December 13

 हर महीने की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी पर्व मनाया जाता है. कालाष्टमी को काल भैरवाष्टमी या भैरवाष्टमी भी कहा जाता है. चैत्र महीने में यह कालाष्टमी पर्व आज है. आज के दिन भगवान शंकर के रौद्ररूप यानी कि कालभैरव के बटुक रूप की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन कालभैरव की पूजा करने वाले व्यक्ति को शत्रुओं और सभी पापों से मुक्ति मिलती है. आइए जानते हैं कालभैरव की पूजा और उसके महत्व के बारे में.

ऐसे करें कालभैरव की पूजा कालाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य-क्रिया से निवृत्त हो जाना चाहिए. इसके बाद भगवान भैरव का ध्यान करना चाहिए. ध्यान करने के बाद भगवान भैरव को गुलाल, चावल, सिन्दूर, फूलमाला और फूल चढ़ाना चाहिए. इतना सब-कुछ करने के बाद भगवान भैरव की पूजा करनी चाहिए और कालभैरव के मंत्रों का 108 बार जप करना चाहिए. इसके बाद मंदिर जाकर काजल और कपूर आदि का दान करना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति को यश, धन, सफलता और कष्टों से छुटकारा मिलता है.

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