रायपुर। तू न थकेगा कभी, तू न रूकेगा कभी, तू न मुड़ेगा कभी, कर थपथ, कर शपथ… कवि स्व. हरिवंश राय बच्चन की ये पंक्तियां डॉ. निकिता शेरवानी की दिनचर्या पर सटीक बैठती हैं, जो पं जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज रायपुर के वायरोलॉजी लैब की इंजार्च हैं। यह वायरोलॉजी लैब, कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए पिछले साल ही अप्रैल में शुरू हुआ था। तब से डॉ निकिता इसकी इंचार्ज हैं। शुरूआत में इस लैब में केवल 100 सैंपल की रोज जांच होती थी जिसे अब बढ़ाकर 2000 सैंपल प्रतिदिन किया गया है। सुबह 9 बजे मेडिकल कालेज आकर डॉ निकिता तब तक घर नही जाती जब तक कि उस दिन के सैंपल जांच का काम पूरा न हो जाए। उन पर सैंपलों की जांच एवं रिपोर्ट के साथ साथ लैब के प्रबंधन की मानिटरिंग का भी जिम्मा है। ऐसे में खुद को संक्रमण से बचाए रखना भी चुनौतीपूर्ण है। सरल स्वभाव की डॉ निकिता बताती हैं कि जब यह जिम्मेदारी मिली तब घबराहट भी थी और चुनौती भी लेकिन अपने परिवार के और मेडिकल कालेज परिवार के सहयोग से इसे अभी तक अच्छे से निभा पा रही हूं। माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष 41 वर्षीय प्रो. डॉ. निकिता ने इस दौरान अवकाश नही लिया और फिलहाल उनके पति श्री पुरूषोत्तम दोनो बच्चों की देखभाल का जिम्मा निभा रहे हैं। ड्यूटी की जिम्मेदारी के कारण भोजन करने तक का समय भी बहुत मुश्किल से मिलता है। जितना भी समय मिलता है उस दौरान ऐसा लगता है कि लैब के काम समय पर पूरे हो जायें। आरटी पीसीआर जांच के लिये सैम्पल को प्रोसेस करते समय लाइसिस, एक्सटेंशन , प्री पीसीआर तथा पीसीआर प्रक्रिया के बाद रिपोर्ट आने में छह घंटे का समय लग जाता है। इसलिए यहां हर एक मिनट महत्वपूर्ण होता है। वर्तमान में लैब में सात माइक्रोबायोलाजिस्ट,चार साइंटिस्ट, 40 टेक्नीशियन और एक आई टी इंचार्ज लैब में तीन शिफट में काम कर रहे हैं। यहां के लैब में महासमुंद, बलौदाबाजार, गरियाबंद, धमतरी जिलों के कोविड सैंपलों की जांच भी की जा रही है अभी तक यहां 3 लाख 32 हजार से भी अधिक सैपलों की जांच की गई है। राज्य में गत वर्ष कोरोना संक्रमण की शुरुआत के साथ केवल एम्स रायपुर में ही कोरोना सैम्पलों के जांच की व्यवस्था थी। उसके बाद 14 अप्रैल 2020 को आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के साथ केवल चार से पांच दिनों में मेडिकल कॉलेज लैब को कोरोना जांच के लिये विकसित किया गया। मल्टी डिसिप्लिनरी रिसर्च यूनिट (एमआरयू) के दो वैज्ञानिक एवं मेडिकल कॉलेज के चार माइक्रोबायोलॉजिस्ट एवं 20 टेक्नीशियन की टीम के साथ इस वायरोलॉजी लैब की शुरुआत हुई थी। लैब का कार्य स्वास्थ्य विभाग की मदद से एवं पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद नेरल के मार्गदर्शन में प्रारंभ किया गया। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. विष्णु दत्त तथा अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विनित जैन के मुताबिक डॉ. शेरवानी एक समर्पित डॉक्टर हैं जिनकी उपस्थिति से वायरोलॉजी लैब के सुचारू रूप से संचालन में किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं आती है। जब से कॉलेज में कोविड सैंपलों की जांच शुरू हुई है,डॉ निकिता अपने दम पर परीक्षण प्रयोगशाला की जिम्मेदारी निभा रही है। डॉ. निकिता ने एम. बी. बी. एस. मेडिकल कॉलेज रायपुर से और एम. डी. इंदिरा गांधी गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज नागपुर से किया। वर्ष 2008 में मेडिकल कॉलेज रायपुर से शासकीय सेवा की शुरुआत की थी। प्रारंभ में बतौर वायरोलॉजी लैब इंचार्ज पूरे प्रदेश के कोरोना सैम्पल के जांच की जिम्मेदारी थी। उनके मार्गदर्शन और निर्देशन में प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेज में भी कोविड जांच की शुरुआत हुई। डॉ निकिता न केवल प्रदेश का गौरव हैं बल्कि महिलाओं के लिए भी एक आदर्श हैं।
कोरोना को हराने में जुटी अनथक योद्धा डॉक्टर निकिता : मेडिकल कालेज रायपुर वायरोलॉजी लैब की इंजार्च
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