Thursday, December 11

सूर्यदेव को रोजाना जल अर्पित किया जाए तो ये अति शुभ फलदायी माना जाता है. लेकिन किन्हीं कारणों से अगर प्रतिदिन जल अर्पित न किया जा सके तो कम से कम रविवार के दिन सूर्य को जल जरूर चढ़ाना चाहिए. कहा जाता है इससे सूर्यदेव का आशीर्वाद तो प्राप्त होता ही है, साथ ही ऐसा करने के अनेकों और भी लाभ मिलते हैं. आज हम आपको उन्हीं फायदों के बारे में बताएंगे, जिन्हें आप केवल सूर्य को एक लोटा जल अर्पित करके प्राप्त कर सकते हैं और इसका सबसे बड़ा फायदा है पिता और पुत्र के बीच तालमेल.
पिता और पुत्र में रहेगा तालमेल
कई बार पिता और पुत्र के संबंधों में अनबन देखी जाती है. जैसे हर बात पर बहसबाजी, रिश्तों में तनाव, एक दूसरे को न समझना और न ही एक दूसरे की बात को मानना. कुल मिलाकर पिता पुत्र को तालमेल बिठाने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में सूर्यदेव के निमित्त जल अर्पित करने से लाभ प्राप्त किया जा सकता है. कहते हैं सूर्य का संबंध पिता से होता है. इसलिए सूर्य की उपासना का लाभ बाप-बेटे के संबंध पर पड़ता है और आपसी प्यार व तालमेल बढ़ता है.
स्किन एलर्जी हो जाती है ठीक
कहा जाता है कि सूर्य को हर रविवार को जल अर्पित करने से त्वचा संबंधी रोग ठीक हो जाते हैं. खुद ये बात भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बेटे को बताई थी.
नौकरी मिलने की संभावना प्रबल
कहते हैं सूर्य की उपासना से नौकरी मिलने की संभावना प्रबल हो जाती है. खासतौर से सरकारी नौकरी की. अगर आप सरकारी नौकरी की चाह रखते हैं तो आपको नियमित रूप से सूर्य की उपासना करनी चाहिए.
हृदय रोग का खतरा कम
सूर्य का संबंध चूंकि हृदय से बताया जाता है, इसलिए माना जाता है कि सूर्यदेव की नियमित पूजा से हृदय अच्छा बना रहता है और हृदय रोग जैसे खतरे कम हो जाते हैं.

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