रायपुर। राष्ट्रीय अध्यक्ष एनएमओपीएस विजय बंधु एवं छत्तीसगढ़ अंशदायी पेंशन कर्मचारी कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह एवं कोषाध्यक्ष आरके भारद्वाज ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा शासकीय व्यय में मितव्ययिता एवं वित्तीय अनुशासन के नाम पर जिस तरीके से 3 लाख एनपीएस कर्मचारियों के हक पर कुठाराघात करते हुए यह आदेश निकाला गया है। इसमें 1 जुलाई को वेतन वृद्धि ना देकर 6 महीना आगे बढ़ाते हुए एक साथ एरियर्स देने पर, सरकार एक साथ राशि भुगतान करने से नुकसान होगा ही, एनपीएस कर्मचारियों को भी बहुत ज्यादा नुकसान होगा। क्योंकि बेसिक डीए का 10 प्रतिशत सरकार/ नियोक्ता एवं 10 प्रतिशत कर्मचारी के द्वारा अंशदान के रूप में सीपीएस /न्यू पेंशन योजना में जमा किया जाता है। विदित हो कि वर्तमान में सेंसेक्स अथवा बाजार चढ़ा हुआ है। इस स्थिति में वार्षिक वेतन वृद्धि तत्काल देने से कम से कम एनपीएस कर्मचारियों को 3 प्रतिशत का अतिरिक्त लाभ होता, किंतु सरकार के द्वारा 6 महीना बाद एरियर्स जारी करने की बात की गई जबकि एरियर्स में भी 10 प्रतिशत एनपीएस की राशि कटौती की जाएगी। इस तरह से कर्मचारियों को आज नुकसान कर ही रहे हैं। एरियर्स देने के दिन भी अधिक मात्रा में नुकसान किया। इसके विपरीत इन 6 महीनों में मार्केट में लगने वाले राशि कम मात्रा में लगाया जाए जिससे जिसकी क्षतिपूर्ति कर पाना मुश्किल होगा। सरकार से पुन: अनुरोध करते हैं एनपीएस को बंद कर पूर्व में शासकीय कर्मचारियों की भांति पुरानी पेंशन व्यवस्था प्रदेश में बहाल किया जाए, जिससे शेयर में लगने वाले राशि का नुकसान कर्मचारियों को ना उठाना पड़े एवं उनका बुढ़ापा रिटायरमेंट के बाद सम्मान एवं स्वस्थ पूर्वक गुजार सकें। छत्तीसगढ़ अंशदायी पेंशन कर्मचारी कल्याण संघ के उपाध्यक्ष रविन्द्र नाथ तिवारी ने कहा कि हमारे जैसे बहुत से कर्मचारी रिटायरमेंट के नजदीक आ गए हैं और सरकार हमारी सुध ही नहीं ले रही है। हम शासन से पुरानी पेंशन बहाली की मांग करते हैं। स्वास्थ्य विभाग के एवं उपाध्यक्ष मिर्जा कासिम बेग ने कहा कि हम पुरानी पेंशन लेने के लिए लगातार प्रयास करेंगे। प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती सरिता सिंह ने कहा कि वेतन वृद्धि समय पर नहीं मिलने से न्यू पेंशन योजना में शामिल कर्मचारियों को नुकसान तो होगा ही, साथ ही कोरोना काल में बेतहाशा महंगाई बढऩे से पारिवारिक एवं अन्य खर्चो के बीच संतुलन बनाए रखना कठिन होगा। आरएन तिवारी ने कहा कि कर्मचारियों की रिटायरमेंट नजदीक है या आगामी 6 महीनों में होने वाला है उनके बनने वाले पेंशन की अंतिम राशि में भी कमी आएगी जो काफी नुकसान देयक है इसलिए वेतन वृद्धि तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। प्रदेश मीडिया प्रभारी डिलेश्वर साव ने कहा कि पुरानी पेंशन में ही कर्मचारी का भविष्य सुरक्षित है। साथ ही एनपीएस की राशि प्रदेश में वापस लाकर सरकारी खजाने में सालाना 4300 करोड़ को बाजार में लगाने से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम सबके लिए पुरानी पेंशन ही उचित है, सरकार से हम अनुरोध करते हैं जल्द ही पुरानी पेंशन लागू किया जाए।