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हाईकोर्ट के स्टे आर्डर के बाबजूद तोड़ा गया मकान और दुकान, शिकायत पर राज्यपाल ने बेमेतरा कलेक्टर को दिए जांच कराने के निर्देश

रायपुर। बेमेतरा निवासी कृष्णा ध्रुव ने राजभवन सचिवालय में ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने मकान और दुकान तोडऩे की शिकायत की। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने इस ज्ञापन को गंभीरता से लेते हुए बेमेतरा कलेक्टर से दूरभाष पर चर्चा की और कहा कि बारिश के समय मकान तोडऩे की कार्यवाही करना उचित नहीं है, कब्जा या अतिक्रमण हटाने के समय मानवीय पहलू का भी ध्यान रखें। इस विषय में आवेदक द्वारा बताया गया है कि उन्हें इस मामले में पूर्व में उच्च न्यायालय बिलासपुर से स्टे आर्डर प्राप्त दिया जा चुका है। उसके बावजूद ऐसी कार्यवाही करना उचित नहीं है। राज्यपाल ने बेमेतरा कलेक्टर को इस संबंध में जांचकर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। श्री कृष्णा ध्रुव ने ज्ञापन में बताया है कि उनकी माता वर्ष 1985 से नवागढ़-बेमेतरा रोड के नजदीक स्थित भूमि पर काबिज होकर चाय दुकान चलाकर जीविकोपार्जन करती आ रही है। आज उनका व्यवसाय मैं संभाल रहा हूं, जिसमें धीरे-धीरे झोपड़ी से मकान व दुकान का निर्माण किये थे। नगर पंचायत नवागढ़ से जीविकापार्जन के लिए उक्त भूमि मेरे नाम आबंटित भी कर दिया गया था, जिसका संपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध है। लेकिन राजनीतिक दबाव पर नवागढ़ तहसीलदार रेणुका रात्रे द्वारा मनमानीपूर्वक माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर से स्टे आर्डर मिलने के बाद आदेश की जानकारी होने के बावजूद अवहेलना करते हुए उनके दुकान व मकान को ध्वस्त कर दिया, जबकि तोडऩे के पूर्व तहसीलदार ने मुझे कोई नोटिस नहीं दिया था। जब मैंने स्टे ऑर्डर की जानकारी देने गया तो तहसीलदार ने अनदेखा करते हुए मुझसे दुर्व्यवहार करते हुए 3 घंटे जेल भेज दिया।

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