भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है. अब वह देश की अगली राष्ट्रपति होंगी. द्रौपदी मुर्मू की जीत के साथ ही उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. द्रौपदी मुर्मू की जीत पर जहां एक तरफ बीजेपी देशभर में जश्न मना रही है, वहीं उनके गांव में भी खुशी का माहौल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बीजेपी और विपक्ष के तमाम बड़े नेताओं ने द्रौपदी मुर्मू को उनकी जीत पर बधाई दी है. अक्सर देखा गया है कि लोग राष्ट्रपति के अभिवादन के दौरान ‘महामहिम’ या ‘हिज एक्सीलेंसी’ जैसे शब्द का इस्तेमाल करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रपति के अभिवादन में इन शब्दों को इस्तेमाल करने पर पाबंदी है. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति के अभिवादन में इन शब्दों के इस्तेमाल पर प्रतिबंद्ध लगा दिया था.
प्रणब मुखर्जी ने लगाई रोक
प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति पद पर रहते हुए उनके अभिवादन के दौरान इन दो शब्द ‘हिज एक्सीलेंसी’ और ‘महामहिम’ के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. इससे पहले तक प्रोटोकॉल के अनुसार राष्ट्रपति और राज्यपालों के अभिवादन से पहले उनके नाम के आगे ‘हिज एक्सीलेंसी’ या ‘महामहिम’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने की प्रथा चली आ रही थी. प्रणब मुखर्जी ने अक्टूबर 2012 देश के राष्ट्रपति रहते हुए इस प्रथा पर रोक लगा दी थी. उन्होंने इन शब्दों के बदले नए शब्दों के इस्तेमाल करने के निर्देश दिए थे.
महामहिम की जगह इन शब्दों का प्रयोग करने के दिए निर्देश
प्रणब मुखर्जी ने ‘हिज एक्सीलेंसी’ और ‘महामहिम’ जैसे शब्दों की जगह पर ‘राष्ट्रपति महोदय’ का प्रयोग करने की सलाह दी. साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति के अभिवादन से पहले परंपरागत भारतीय अभिवादन ‘श्री’ या ‘श्रीमती’ का इस्तेमाल किए जाने के निर्देश दिए. इसके अलावा प्रणब मुखर्जी ने ‘एक्सीलेंसी’ जैसे शब्द का इस्तेमाल केवल विदेशी मेहमानों से औपचारिक मुलाकात के दौरान ही किए जाने की सलाह दी.