प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि माता-पिता कई बार अपने सोशल स्टेटस के हिसाब से बच्चों पर दबाव डालते हैं, यह खतरनाक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 38 लाख स्टूडेंट्स से परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के माध्यम से संवाद किया. पीएम मोदी ने परीक्षा को लेकर होने वाले तनाव से बचने के लिए बच्चों को गुरु मंत्र दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘परीक्षा पे चर्चा’ मेरी भी परीक्षा है और देश के कोटि-कोटि विद्यार्थी मेरी परीक्षा ले रहे हैं. मुझे ये परीक्षा देने में आनंद आता है. परिवारों को अपने बच्चों से उम्मीदें होना स्वाभाविक है, लेकिन अगर यह सिर्फ सामाजिक स्थिति बनाए रखने के लिए है, तो यह खतरनाक हो जाता है.
पीएम मोदी ने कहा कि आपकी तरह हम पर भी अपने राजनीतिक जीवन में ऐसा दबाव होता है. चुनावों में कितने भी अच्छे परिणाम आ जाएं, लेकिन हमेशा और अच्छे नतीजे की उम्मीद की जाती है. चिंता ना करिए, बस तनाव मुक्त और प्रफुल्लित रहकर अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करें. लेकिन हमें इस दबाव से नहीं दबना चाहिए? ऐसे ही आप भी अगर अपनी एक्टिविटी पर ध्यान देंगे तो आप भी ऐसे संकट से बाहर आ जाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अपने अंदर झांकिए और आत्मनिरीक्षण कीजिए! आपको अपनी क्षमता, अपनी आकांक्षाओं, अपने लक्ष्यों को पहचानना चाहिए. और फिर उन्हें उन अपेक्षाओं के साथ जोडऩे की कोशिश करें जो अन्य लोग आपसे कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सिर्फ परीक्षा के लिए नहीं वैसे भी जिंदगी में हमे समय के प्रबंधन के लिए जागरूक रहना चाहिए. काम का ढेर इसलिए होता है क्योंकि वक्त पर उसे नहीं किया. काम करने से कभी थकान नहीं होती, काम करने से संतोष मिलता है. काम नहीं करने से थकान होती है कि इतना काम बचा है. पीएम मोदी ने कहा कि मेहनती बच्चों को ये चिंता रहती है कि मैं मेहनत करता हूं और कुछ लोग चोरी करके अपना काम कर लेते हैं. ये जो मूल्यों में बदलाव आया है ये समाज के लिए खतरनाक है. जिंदगी अब बदल चुकी है, दुनिया बदल चुकी है. हर कदम पर आज परीक्षा देनी पड़ती है. जिंदगी नकल से नहीं बन सकती है.