योग गुरु बाबा रामदेव ने एक मासूम बच्ची का सुसाइड नोट को शेयर करते हुए वर्तमान शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया है। बाबा रामदेव ने कहा है कि यह एक मासूम का सुसाइड नोट नहीं बल्कि समूची शिक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह है। मिली जानकारी के अनुसार घटना राजस्थान के दौसा की है। यहां शुक्रवार यानि कि 3 मार्च को 10वीं क्लास की एक छात्रा ने पढ़ाई के प्रेशर से तंग आकर सुसाइड कर ली। लड़की बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रही थी। आत्महत्या से पहले मासूम से सुसाइड नोट भी लिखा है। लड़की ने फांसी तब लगाई जब वो घर में अपने भाई के साथ अकेले थी। बच्ची की मां बेटे की स्कूल फीस जमा करने के लिए स्कूल गई थी और घर पर भाई-बहन अकेले थे। भाई चौथी क्लास में पढ़ता है। इसी दौरान बहन ने गले में रस्सी बांधी और फांसी लगा ली। मां जब घर आई तो बच्ची को उसने मरा हुआ पाया। बच्ची ने सुसाइड नोट में लिखा- आई एम सॉरी, पापा-मम्मी..मेरे से नहीं हो पायेगा। मैं नहीं ला पाती शायद 95प्रतिशत। मैं परेशान हो गयी हूँ इस 10वीं क्लास से। मेरे से अब नहीं सहा जाता। आई लव यू पापा,मम्मी एंड ऋषभ। आई एम सो सॉरी। खुशबू। इस सुसाइड नोट को देखकर बाबा रामदेव वर्तमान शिक्षा व्यवस्था पर भड़के हुए दिखे। उन्होंने ट्वीट करके कहा-एक मासूम बेटी ने मॉडर्न शिक्षा के दबाव से आत्महत्या कर ली। शिक्षा व्यवस्था हमें स्वयं का व दूसरों का कल्याण करना सीखाती है या आत्महत्या करना? चिंतनीय विषय है.. क्या शिक्षा निराशा, हताशा, अवसाद पैदा करने वाली हो या स्वयं,समाज का कल्याण करने वाली हो?
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