हाल ही में गई टाईटेनिक के मलबे को देखने टाइटन सबमरीन हादसे का शिकार हो गई थी. इस हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई थी. कड़ी मश्कत के बाद पनडुब्बी का मलबा बरामद कर लिया गया. बचाव दल के सदस्यों ने 12,500 फीट पानी के नीचे मलबा निकाला. इस पूरे मिशन को याद कर बचाव दल का नेतृत्व करने वाले एडवर्ड कैसानो भावुक हो उठे.
उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए नम आंखों के साथ कहा कि यह हम सब के लिए बड़े दुख की बात है कि हमारा बचाव अभियान रिकवरी में बदल गया. यह एक बहुत ही जटिल ऑपरेशन था और खतरे से भरा था. शायद ऐसा ऑपरेशन, जिसे हमारी टीम भुला नहीं पाएगी.
बचाव अभियान के दौरान था दबाव – अपनी कंपनी (पेलजिक रिसर्च सर्विसेज) के मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में एडवर्ड कैसानो ने कहा कि जैसे ही वह अपने सहयोगियों के साथ 22 जून को समंदर के अंदर अपने मिशन के लिए निकले, पूरी टीम पर अलग ही तरह का दबाव था. उन्होंने बताया कि जब कई हाई-डेफिनिशन कैमरों ने मलबे की तस्वीरें भेजीं, वो बेहद ही भयावह थे. ये तस्वीरें हम सब के लिए विचलित करने वाली थी.
उन्होंने आगे भावुक होकर कहा कि मुझे माफी मांगनी होगी. हम अपने बचाव अभियान में सफल नहीं हो पाए. हम टाइटन सबमरीन पर सवार यात्रियों की जान नहीं बचा पाए. उन्होंने आगे कहा कि मेरी टीम के सहयोगी अभी असहाय महसूस कर रहे हैं. इस घटना को भूलने में हम सबको थोड़ा वक्त लगेगा.
हम लापता पनडुब्बी से दूर थे – एपी की रिपोर्ट के अनुसार, कैसानो ने अपने पानी के भीतर बचाव अभियान के बारे में बताते हुए कहा कि जब उनकी टीम उत्तरी अटलांटिक में उस स्थान पर पहुंची, जहां टाइटन उतरा था. तो वहां पहले से ही 10 जहाजों और विमानों मौजूद थे. जो राहत एवं बचाल दाल का हिस्सा था. उन्होंने आगे कहा कि जहाजों में से एक ‘डीप एनर्जी’ भी मौजूदा था, जो आम तौर पर गहरे पानी में पाइप और केबल बिछाता है. डीप एनर्जी की भी पहुंच 2,700 मीटर की गहराई तक ही थी. लेकिन लापता टाइटन का मलबा समुद्र तल पर लगभग 3,810 मीटर पानी के नीचे स्थित था.
गौरतलब है कि टाइटैनिक का मलबा दिखाने जा रही पनडुब्बी में समंदर में गोता लगाने के करीब डेढ़ घंटे बाद विस्फोट हो गया था. इससे पनडुब्बी में सवार दो अरबपतियों के साथ कुल पांच यात्रियों की तुरंत मौत हो गई थी. इस घटना ने पूरी दुनिया को दहला कर रख दिया .