देश के पांच राज्यों में इसी साल के अंत तक विधानसभा चुनाव 2023 होने जा रहे हैं. चुनावों की तैयारियों में जुटी बीजेपी ने शुक्रवार (7 जुलाई) को इनमें से 4 राज्यों के लिए चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति की घोषणा की. बीजेपी ने प्रह्लाद जोशी को राजस्थान, ओम माथुर को छत्तीसगढ़, भूपेंद्र यादव को मध्य प्रदेश और प्रकाश जावड़ेकर को तेलंगाना की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं, अश्वनी वैष्णव को मध्य प्रदेश, सुनील बंसल को तेलंगाना, मनसुख मंडाविया को छत्तीसगढ़ और राजस्थान में नीतिन पटेल और कुलदीप बिश्नोई को सह प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है. इससे पहले बीजेपी ने 4 जुलाई को चार राज्यों में अपने अध्यक्ष बदले थे. केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी को तेलंगाना के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया. पूर्व केंद्रीय मंत्री डी. पुरंदेश्वरी को आंध्र प्रदेश, पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी को झारखंड और सुनील जाखड़ को पंजाब में पार्टी की कमान दी गई.
क्यों होती है चुनाव प्रभारी की नियुक्ति?
हर राज्य के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी केंद्रीय प्रभारी और सह-प्रभारियों की नियुक्ति करती है. प्रभारी और सह प्रभारी चुनावी राज्यों के पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठकें करते हैं और चुनावी रणनीति को धार देने में भूमिका निभाते हैं.
चुनाव के दौरान उम्मीदवारों के चयन में भी उनकी अहम भूमिका होती है. प्रभारी और सह-प्रभारी राज्य नेतृत्व और केंद्रीय नेतृत्व के बीच सेतु का काम भी करते हैं.
क्या बोले तेलंगाना चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर?
तेलंगाना चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ने चुनाव प्रभारी के रूप में नियुक्ति के बाद कहा, केसीआर सरकार ने राज्य और उसके लोगों को विफल कर दिया है, मतदाता उनकी सरकार से बहुत नाराज हैं. राज्य में लोगों का मूड बीजेपी के पक्ष में है, हम जीतने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं.