नेशनल ग्रीन कोर ईको क्लब कार्यक्रम भारत सरकार के पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा प्रारंभ किया गया है ।छत्तीसगढ़ राज्य पर्यावरण सरंक्षण मंडल द्वारा छत्तीसगढ़ सचिव सुब्रत साहू जी के आदेशानुसार व छत्तीसगढ़ नोडल अधिकारी अमर प्रकाश सावंत के नेतृत्व में नेशनल ग्रीन कोर कार्यक्रम के तहत राज्य स्तर पर जिला कोआर्डिनेटर व मास्टर ट्रेनर्स का 11 व 12 जुलाई दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन नवीन विश्राम गृह रायपुर के न्यू कन्वेंशन हॉल में किया गया था। इस कार्यक्रम में दुर्ग जिले से श्री रुद्रनारायण सिन्हा जिला दुर्ग कोऑर्डिनेटर जो बीस वर्षों से जिले के स्कूलों में वृक्षारोपण व सरंक्षण पर मार्गदर्शन कर रहे है,व मास्टर ट्रेनर्स के रूप में शिक्षक व वृक्ष मित्र खिलेंद्र कुमार साहू शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय तेलीगुंडरा विकासखण्ड पाटन का चयन हुआ था। इस प्रशिक्षण में दिल्ली से ऑनलाइन जुड़े तरनजीत सिंह ईएमओऐफ़ असिस्टेंट डायरेक्टर ने कहा पर्यावरण शिक्षण कार्यक्रम में छात्रों व शिक्षकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने नेशनल ग्रीन कोर कार्यक्रम के अंतर्गत पर्यावरण के सरंक्षण के लिए बच्चों व समुदाय की सहभागिता से अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने की बात कही ।उन्होंने पर्यावरण शिक्षा,नेशनल ग्रीन क्रॉप्स नेशनल नेचर कैंपेनिंग प्रोग्राम एवं कैपेसिटी बिल्डिंग जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर व । 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ पर्यावरण सरंक्षण मंडल द्वारा सबसे ज्यादा प्लेज बनाकर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड खिताब जीतने की जानकारी दी गई। कार्यक्रम को गति प्रदान करते हुए कलिंगा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हरित जी ने बताया कि वेस्ट चीजों से हम बेस्ट का निर्माण कर सकते हैं। बच्चों को थैला बनाने का प्रशिक्षण देकर प्लास्टिक मुक्त वातावरण का निर्माण किया जा सकते है।
प्रशिक्षण के द्वितीय दिवस नेचर केम्प के अंतर्गत राज्य के अलग अलग जिलों से आये मास्टर्स ट्रेनर्स को नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी का भ्रमण कराकर ,जैव विविधता व स्वच्छ हरित वातावरण कैसे बनाया जाए इस विषय पर जानकारी प्रदान कर छत्तीसगढ़ में पर्यावरण सरंक्षण पर बेहतर कार्य करने सभी को प्रेरित किया गया। कार्यक्रम की जानकारी प्रदान करते हुए ।दुर्ग जिला ईको क्लब मास्टर ट्रेनर खिलेंद्र कुमार साहू ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों में ईको क्लब के माध्यम से प्रकृति के अनिवार्य सरंक्षण व संवर्धन के विषय मे नैतिक दायित्व का बोध कराकर उन्हें प्रेरित करना है।