छत्तीसगढ़ विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही जारी है। फिलहाल सदन में अनुपूरक बजट चर्चा शुरू है। इससे पहले विधानसभा में सरकार के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है। आसंदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति दी है। 22 जुलाई को दोपहर 12 बजे से इस पर चर्चा होगी। सदन में प्रश्नकाल के दौरान युवाओं का नग्न प्रदर्शन, शराब घोटाला, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर जमकर हंगामा हुआ। मंत्री उमेश पटेल के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया। बेरोजगारी के आंकड़ों को लेकर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के सवाल पर लगभग 33 मिनट तक बहस चली।
आपको बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव के लिए बीजेपी ने मंगलवार को एकात्म परिसर में बड़ी बैठक की थी। विधायक दल की बैठक में 109 बिंदुओं का आरोप पत्र के आधार पर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को घेरने की रणनीति बनी। करीब दो घंटे चली बैठक में कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मंथन किया गया। भाजपा ने आरोप पत्र में भ्रष्टाचार और घोटालों को शामिल किया है। इसमें शराब घोटाला, कोयला परिवहन घोटाला, पीएससी में गड़बड़ी, डीएमएफ घोटाला, मनरेगा घोटाला, सीमेंट घोटाला, आत्मानंद स्कूल में घोटाला शामिल हैं।
विपक्ष ने लगाये नारे, कहा-शराबबंदी करना होगा!
छत्तीसगढ विधान सभा में शराब को लेकर बुधवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोंकझोंक हुई। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने पूछा – विशेष आबकारी शुल्क में कितने का कलेक्शन हुआ गौठान, शिक्षा-स्वास्थ्य के लिए कलेक्शन की राशि का कितना रुपया विभागो को भेजा गया है? जवाब में मंत्री कवासी लखमा ने बताया-1059 करोड़ गौठान में गया है, शिक्षा विभाग में 558 करोड़ दिया गया है। विपक्ष का आरोप पैसे विभागों में नहीं दिए गए और उसका दुरुपयोग किया गया है। शिवरतन ने पूछा कि शराब बंदी के लिए 3 समितियों के गठन का कार्यकाल कितने समय के लिए निर्धारित किया था, कितना समय बढ़ाया गया और कब कब रिपोर्ट सौंपी गई?
जवाब में मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि कमेटी में भाजपा से सदस्यों के नाम मांगे गये थे, लेकिन उन्होंने नहीं दिया, जिसकी वजह से देरी हुई है।
मंत्री के जवाब पर धरमलाल कौशिक ने कहा कि आपने जब गंगा जल लेकर शराबबंदी करने की कसम खाई थी तब भाजपा से पूछा था क्या? जिसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष में नोंकझोंक शुरू हो गयी। इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक हंगामा कर रहे हैं, शराब बंदी का नारा लगाना शुरू कर दिया।