जनस्वास्थ्य रक्षक संघ ने अपनी माँग को मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को अवगत कराया
राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में शामिल करने की माँग
रायपुर. छ. ग. जन स्वास्थ्य रक्षक संघ ने 20 जुलाई को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री टीएस बाबा के निवास कार्यालय, रायपुर जा कर अपने मुख्य माँग कि, पूर्व की भाँति सभी प्रशिक्षित जन स्वास्थ्य रक्षको को सभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम में शामिल कर मानदेय देने की माँग से अवगत कराया। ज्ञात हो कि जनस्वास्थय रक्षको को वर्ष 1995 – 1996 में कांग्रेस शासन काल में उस समय की तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जनस्वास्थ्य रक्षक प्रशिक्षण शासन द्वारा क्रमशः प्राथमिक स्वाथ्य केन्द्र व जिला चिकित्सालय के माध्यम से दिया गया था, तत्पश्चात उनका जिला पंचायत में पंजीकृत कर उन्हें गाँव में प्राथमिक चिकित्सा करने के साथ ही सभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम में सहभागी बनाते थे और प्रदेश के सभी जनस्वास्थय रक्षक अपने कर्तव्यो का पालण करते हुये लोगो का मानवीय रूप से सेवा करते हुये, सभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम में शासन प्रशासन को सहयोग करते थे, जिसे कुछ वर्षो बाद सभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम से बिना किसी कारण से पृथक कर दिया गया, जिससे प्रदेश के लगभग दस से पन्द्रह हजार जन स्वास्थ्य रक्षक बेकारी पूर्वक जीवन जीने के लिए मजबूर है। वर्ष 2008 में जनस्वाथ्य रक्षक संघ ने लगातार 6 माह तक रायपुर में बूढा तालाब में धरना प्रदर्शन कर उस समय के तात्कालीन मुख्यमंत्री डाँ रमन सिंह के सामने अपने माँगो को रखा पर उसने स्वास्थ्य रक्षको के मांग को अन देखा किया तब सभी स्वास्थ्य रक्षको ने उस समय के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष धनेन्द्र साहू व कार्यकारी अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा , डाँ चरण दास महंत ,रायपुर शहर अध्यक्ष स्व. इंदर चंद धडीवाल, स्व. रमेश वर्लयाणी जी के नेतृत्व मे कांग्रेस में शामिल हो गये, उस समय सभी वरिष्ठ कांग्रेस पदाधिकारियो ने जन स्वास्थ्य रक्षक के मांग को जायज ठहराते हुये ,सत्ता में आते ही माँग को पूरा कराने का आश्वासन दिया था। तब से लेकर अपने मांगो के पूरा होने का बाट स्वास्थ्य रक्षक आज तक जोह रहे हैं,चूंकि अब कांग्रेस का शासन हैं, तो मांग को पूरा करना ही चाहिए। संघ के प्रांतीय सचिव अश्वनी साहू ने कहा कि उस समय शिक्षा कर्मी, पंचायत सचिव व जनस्वास्थय रक्षक का चयन शासन स्तर पर किया गया था, पर दोनों संगठन शिक्षा कर्मी व पंचायत कर्मी सचिव का शासन प्रशासन ने उनके माँग को पूरा करते हुए उन्हें पूर्ण रुप से रोजगार दिया, और प्रदेश के प्रक्षित जन स्वास्थ्य रक्षको का अनदेखा करते हुये उन्हें अपने भाग्य के भरोसे ही छोड़ दिया, जिससे प्रदेश के जन स्वास्थ्य रक्षको मे शासन के प्रति घोर नाराजगी हैं ,संघ के प्रांताध्यक्ष फेरू सिंह राजपूत ,अशोक सपहा ,गणेश यादव, भरत लाल गुप्ता, हकीम खान, संत राम कुंभकार ,बलराम सिंह ने कहा कि प्रदेश के जन स्वास्थ्य रक्षको को भी सभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम में शामिल कर मितानिनो की तरह मानदेय दी जानी चाहिए या ये कहे कि उसी योजना में ही शामिल कर लिया जाय तो जन स्वास्थ्य रक्षक भी पहले ही की तरह सभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम में शामिल होकर अपना सक्रिय भूमिका पहले ही की तरह निभा सकते हैं। संघ के प्रांतीय सचिव अश्वनी साहू ने शासन प्रशासन से जन स्वास्थ्य रक्षको के हित में त्वरित कार्यवाही करने का निवेदन किए हैं।