रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्कूलों में किलोल पत्रिका की खरीदी का मामला शुक्रवार को सदन में खूब गूंजा।
अजय चंद्राकर के सवाल के जवाब पर सदन ऐसा गरमाया, कि विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने मंत्री से इस पत्रिका के संबंध में पूरी जानकारी तलब कर ली।
शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे से अजय चंद्राकर ने सवाल पूछा कि किलोल पत्रिका की स्कूल में खरीदी का आदेश किसने दिया और आजीवन सदस्यता को लेकर क्या निर्देश जारी किया गया है। जवाब में मंत्री ने बताया कि एमडी ने खरीदी का आदेश दिया है।
रविंद्र चौबे ने बताया कि पूर्व में भी सरकारें पत्र-पत्रिकाएं खरीदने के लिए आदेश देती रही है। ऐसे पत्र पत्रिकाओं की खरीदी के लिए समय समय पर आदेश जारी होते रहे हैं। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है।
बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने मासिक बाल पत्रिका किलोल की खरीदी और अनिवार्यता को लेकर किये सवाल खड़े. टीए मद से खरीदी हो रहे पत्रिकाओं को लेकर मांगी जानकारी. चंद्राकर ने कहा मैं भी स्कूल शिक्षा मंत्री था, जांच करवा लीजिए, अगर मेरे समय में गड़बड़ी हुई होगी तो मैं भी जेल चला जाऊंगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा- जांच की बात नहीं है, समय आने पर कौन कहा जायेगा ये बाद कि बात है. किलोल पत्रिका खरीदी के लिए निर्देश दिए गए हैं. अन्य पत्रिकाओं के लिए भी निर्देश दिए गए हैं. कोई छुपाने की बात नहीं है. भाजपा सरकार के समय तो श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय से सम्बंधित पत्रिकाएं भी खरीदी जाती थी।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा-किसी प्रकार की अनियमितता है तो जांच करा लीजिए।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा-स्कूलों में इस तरह की पत्रिकाएं खरीदी ही जाती है, इसमें किस बात की जांच की जाये।
जवाब में विधानसभा अध्यक्ष ने एक हफ्ते में इस मसले की पूरी जानकारी विभागीय मंत्री से तलब की है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस संबंध में पूरी जानकारी उन्हें उपलब्ध करायी जाये।