कृषि छात्रों हेतु कैरियर की संभावनाओं पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा है कि पिछले कुछ वर्षां में कृषि क्षेत्र का व्यवसायीकरण होने के कारण अब कृषि छात्रों के लिए अच्छे कैरियर की संभावनाएं बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के पूर्व तथा आजादी के बाद भी कई वर्षां तक कृषि की भूमिका देश की जनता को भोजन उपलब्ध कराने तक की सीमित थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षां में खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के उपरान्त बाजार आधारित कृषि व्यवस्था का विकास होने लगा है, जिससे कृषि छात्रों के लिए बहुराष्ट्रीय कम्पनियों तथा निजी क्षेत्र में कैरियर विकास के अवसर बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब बहुत से कृषि छात्र अपना स्टार्टअप प्रारंभ कर स्वरोजगार की ओर भी प्रेरित हो रहे हैं। डॉ. चंदेल आज यहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के अंतर्गत कैरियर डेवलपमेन्ट सेन्टर द्वारा विद्यार्थियों के लिए ‘‘कृषि छात्रों के लिए कैरियर संभावनाएं’’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में विस्तार शिक्षा संस्थान आणनंद गुजरात के डॉ. केयुर गरधरिया ने छात्रों को संवाद कौशल के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि व्यक्तित्व विकास एवं कैरियर विकास में संवाद की अहम भूमिका होती है। आपके पास जितनी अच्छी संवाद क्षमता होगी जीवन के हर क्षेत्र में आप उतने ही अधिक सफल हो सकेंगे। कार्यशाला के दूसरे मुख्य वक्ता एजुकेशन एलायन्स एग्रीकल्चर भिलाई के संचालक अभिषेक सिंह राजपूत ने कृषि स्नातकों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाआें एवं कैरियर विकास के संबंध में जानकारी दी। दोनो मुख्य वक्ताओं ने विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का सामाधान भी किया। कार्यशाला को कृषि महाविद्यालय रायपुर के अधिष्ठाता डॉ. जी.के. दास तथा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय शर्मा ने भी संबोधित किया। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के प्लेसमेन्ट प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉ. अकरम खान ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शुभा बैनर्जी ने किया। कार्यशाला में बड़ी संख्या में कृषि महाविद्यालय रायपुर के स्नातक, स्नातकोत्तर एवं शोध छात्र उपस्थित थे।