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अधिक वजन का मतलब जल्द मृत्यु नहीं होता

आम तौर पर अधिक वजन (ओवरवेट) होना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। यहां तक कि चिकित्सक भी स्वस्थ रहने के लिए वजन कम करने की सलाह देते हैं। लेकिन एक हालिया अध्ययन में ओवरवेट के रूप में वर्गीकृत लोगों की मृत्यु दर तथाकथित ‘आदर्श वजनÓ वाले लोगों की तुलना में थोड़ी कम पाई गई है। इन लोगों का वजऩ अधिक ज़रूर था लेकिन ये मोटे (ओबेस) नहीं थे। इस बात को लेकर तो कोई विवाद नहीं है कि वजन बहुत अधिक हो तो सेहत के लिए हानिकारक होता है। लेकिन उपरोक्त अध्ययन से लगता है कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि स्वास्थ्य जोखिम कितने वजऩ के बाद शुरू होते हैं।
आदर्श वजन पता करने के लिए बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) देखा जाता है। बीएमआई की गणना वजन (किलोग्राम में) को ऊंचाई (मीटर में) के वर्ग से भाग देकर की जाती है। अधिकांश देशों में 18.5 से 24.9 के बीच के बीएमआई को स्वस्थ माना जाता है; 25 से 29.9 को ओवरवेट और 30 से अधिक को मोटापा ग्रसित की श्रेणी में रखा जाता है। 1997 में आई विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट में इनके उल्लेख के बाद तो इन सीमाओं को लगभग पूरी दुनिया में मान्यता मिल गई।
फिर कुछ अध्ययनों से पता चला था कि 25 से ऊपर बीएमआई वाले लोगों की मृत्यु दर दुबले-पतले लोगों से कम है। लेकिन ये अध्ययन काफी पुराने हैं जब लोग आज की तुलना में दुबले हुआ करते थे। इन अध्ययनों के सहभागियों में जनजातीय विविधता भी नहीं थी।
इस मुद्दे को समझने के लिए रटगर्स इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के आयुष विसारिया और उनके सहयोगियों ने 1999 में शुरू हुए एक अध्ययन का विश्लेषण किया जिसमें 20 वर्ष तक 5 लाख जनजातीय रूप से विविध अमेरिकी वयस्कों के जीवन को ट्रैक किया गया था। इन लोगों का वजन और लंबाई ज्ञात थे। इस विश्लेषण में 22.5 से 24.9 बीएमआई के स्वस्थ बीएमआई वाले लोगों की तुलना में 25 से 27.4 बीएमआई वाले लोगों में मृत्यु का जोखिम 5 प्रतिशत कम पाया गया। इसके अलावा 27.5 से 29.9 बीएमआई वाले लोगों में मृत्यु का जोखिम 7 प्रतिशत कम पाया गया। ये निष्कर्ष वर्तमान बीएमआई की सीमाओं से काफी अलग प्रतीत होते हैं।
फिर भी शोधकर्ताओं के अनुसार इस आधार पर कोई भी निष्कर्ष निकालना थोड़ी जल्दबाज़ी होगी। यह कहना ठीक नहीं होगा कि वर्तमान में अधिक वजन के रूप में वर्गीकृत बीएमआई वर्तमान स्वस्थ श्रेणी से बेहतर है। आम तौर पर इस तरह के जनसंख्या अध्ययन में पूर्वाग्रह हो सकते हैं जिससे परिणामों में विसंगतियां हो सकती हैं।
मात्र इतना ही कहा जा सकता है कि अकेले बीएमआई मृत्यु के जोखिम का द्योतक नहीं है। अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन बीएमआई के साथ कमर की माप और अन्य कारकों को भी ध्यान में रखने की सलाह देता है। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार बीएमआई को आबादी के स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए बनाया गया था। इसका उपयोग व्यक्तियों को स्वास्थ्य सलाह देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। (स्रोत फीचर्स)

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