रांची । झारखंड की चंपई सोरेन सरकार को सोमवार को विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया। सरकार के पक्ष में 47 और विपक्ष में 29 वोट पड़े। बहुमत परीक्षण के लिए झारखंड विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र बुलाया गया, जिसकी राज्यपाल के अभिभाषण से शुरुआत हुई। कथित जमीन घोटाले में गिरफ्तार किए गए पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने भी बहुमत परीक्षण में हिस्सा लिया। उन्होंने विश्वास मत पर चर्चा में भी हिस्सा लिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आक्रामक अंदाज में बरसे। झारखंड विधानसभा में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन के 47 विधायक हैं और इसे सीपीआईएमएल (एल) के एक विधायक का बाहर से समर्थन प्राप्त है। वहीं, भाजपा के पास 26 विधायक हैं। आजसू के तीन और एनसीपी के एक विधायक हैं। अन्य 2 विधायकों का भी समर्थन एनडीए के पास है। इस तरह एनडीए कैंप में कुल 32 विधायक हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन को आशंका थी कि भाजपा उनके विधायकों की ‘खरीद-फरोख्त’ का प्रयास कर सकती है, ऐसे में दो फरवरी को दो उड़ानों से करीब 38 विधायक कांग्रेस शासित राज्य तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद चले गए थे। विधायकों को रविवार शाम रांची वापस लाया गया। मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किये जाने के बाद झामुमो विधायक दल के नेता चंपाई सोरेन ने दो फरवरी को झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। पीएमएलए (धनशोधन रोकथाम अधिनियम) से संबंधित मामलों की सुनवाई वाली एक विशेष अदालत ने हेमंत सोरेन को विश्वास मत प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी। अदालत ने दो फरवरी को हेमंत सोरेन को पांच दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था।
झारखंड में चंपई सरकार, 47 वोट के साथ जीता फ्लोर टेस्ट
February 5, 2024
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