जगदलपुर। वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार कार्यालय विकास आयुक्त हस्तशिल्प के द्वारा विभागीय गतिविधियां प्रचार-प्रसार के साथ-साथ शिल्पियों में जागरूकता लाने हेतु शिल्पी चौपालों का आयोजन किया जा रहा है। इस के तहत बस्तर जिले के ग्राम एर्राकोट में तृतीय शिल्पी चौपाल का आयोजन किया गया। शिल्पी चौपाल का मुख्य उद्देश्य हस्तशिल्प का प्रचार-प्रसार कर शिल्प के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना है। हस्तशिल्प से तात्पर्य हाथों से बनाई गई कलात्मक कलाकृति से है। जिसमें मुख्यत: हाथ की चूडिय़ां, लकड़ी पर नक्काशी, मिट्टी के कलात्मक बर्तन, पत्थर शिल्प, बांस शिल्प, पेंटिंग, टॉयस एवं डॉल्स, धातु कि मूर्तियाँ इत्यादि हैं। इस अवसर पर सहायक निदेशक (ह) लखन सिंह मीणा ने विभाग अंतर्गत संचालित हस्तशिल्प योजनाओं, उन्नत शिल्प डिजाईनों, शिल्पी के लिए पहचान पत्र, जी.आई. रजिस्ट्रेशन एवं मार्केटिंग से संबंधित जानकारियों दी गई। इस चैपाल के अंतर्गत शिल्पियों को हस्तशिल्प योजनाओं, मुद्रा लोन, हस्तशिल्प हेल्प लाइन, जेम पोर्टल, पहचान पत्र वितरण एवं शिल्पियों के पंजियन फॉर्म भरे गए एवं इम्प्रूव्ड टूल किट्स की जानकारी भी प्रदान की गई। कार्याक्रम के दौरान हस्त शिल्पीयों को जेम पोर्टल में पंजीकृत किया गया एवं जेम पोर्टल के इस वर्चुअल माध्यम से उत्पादों के विक्रय के संबंध में जानकारी दी गई। इस अवसर पर सरपंच एर्राकोट श्रीमती पालकी बाई सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
शिल्पी चौपाल के जरिये हस्तशिल्प का प्रचार-प्रसार
September 4, 2020
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