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VIDEO यहां ट्रेन पटरियों के ऊपर नहीं बल्कि नीचे चलती हैं … हर रोज लाखों लोग करते हैं सफर

आज तक आपने पटरियों पर रेलगाड़ियों को दौड़ते हुए खूब देखा होगा। उनमें सफर भी किया होगा। लेकिन क्या आपने कभी ऐसी कोई ट्रेन देखी है जो पटरियों पर नहीं बल्कि हवा में उल्टी लटकते हुए चलती हो। शायद ही आपने कभी देखा होगा। भले ही फिल्मों में ऐसा देखा होगा आपने लेकिन ये सच हो सकता है ये आप बिल्कुल नहीं मानते होंगे। ये सोचकर ही लोगों का दिमाग चकरा जाएगा कि भला कोई ट्रेन कैसे पटरियों के नीचे हवा में लटकते हुए चल सकती है और कोई इसमें कैसे बैठ लेता होगा। लेकिन ये बिल्कुल सच है। अगर आपको ये नजारा देखना है तो आपको जर्मनी जाना चाहिए। यहां पर ट्रेन ट्रैक से नीचे लटकते हुए चलती है और इस ट्रेन में रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं वह भी बिना किसी डर के।
हवा में लटकते हुए चलती है ये ट्रेन


इस ट्रेन को लोग हैंगिंग ट्रेन कहते हैं। यह जमीन से करीब 40 फुट ऊपर लटकते हुए चलती है। अगर आप सोच रहे हैं कि ये कोई नई टेक्नोलॉजी का कमाल है जो फिलहाल आया होगा तो आप गलत हैं। दरअसल, ये ट्रेन रूट 21वीं सदी से पहले ही बनाया गया था। ये ट्रेन जर्मनी के वप्पर्टल में चलती है। Wuppertal Suspension Railway के अंतर्गत इन ट्रेनों का संचालित किया जाता है। अगर आपके मन में ये सवाल है कि ऐसा करने की क्या जरूरत थी। तो बता दें कि वप्पर्टल शहर इतना व्यस्त है कि यहां सड़कों पर चलना इतना आसान नहीं होता है। पहाड़ी इलाका होने की वजह से अंडरग्राउंड ट्रेन भी नहीं चला सकते। जब ट्रैक बिछाने की जगह शहर में कहीं नहीं बची तो इंजीनियरों ने अपना दिमाग लगाया और पटरी को हवा में टांग दिया और उस पर उल्टी ट्रेन को लटकते हुए चला दी। ये ट्रेनें रोज 13.3 किमी की दूरी तय करती हैं। इस रास्ते में 20 स्‍टेशंस पड़ते हैं। 123 साल से ये ट्रेन लगातार चल रही है। सोशल मीडिया पर अक्सर इन ट्रेनों के वीडियो वायरल होते रहते हैं।
दुनिया के इन देशों में चलती हैं ऐसी ट्रेनें
इस ट्रेन की गिनती दुनिया की सबसे पुरानी मोनोरेल में होती है। ट्रेन को करीब 19,200 टन स्टील से बनाया गया है। इस ट्रेन में बैठना और सफर करना काफी रोमांचक है। आपको बता दें कि भले ही ये ट्रेन हवा में उल्टा लटककर चलती है लेकिन इसमें यात्री उल्‍टा लटककर यात्रा नहीं करते। इस ट्रेन में भी लोगों के बैठने की व्‍यवस्‍था आम ट्रेनों जैसी ही है। ऐसी ट्रेन जर्मनी के अलावा सिर्फ जापान में ही चलती हैं जिन्हें सस्पेंशन रेलवे कहा जाता है। (indiatv.in)

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