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वन जलाशय को भी लिया जाता गोद तो आज नहीं होती पर्यावरण समस्या: प्रदेश प्रवक्ता सिंह

छत्तीसगढ़ प्रादेशिक मानव संसाधन विकास समिति के प्रदेश प्रवक्ता सह अखिल भारतीय मानव अधिकार समिति के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री (प्रभारी झारखंड राज्य )श्री बिरेंदर सिंह ने विश्व वानिकी दिवस पर हार्दिक बधाई ज्ञापित करते हुए कहा कि पूर्व में कई अवसर कर मैने अपने सहयोगियों सहित पौधा रोपण किया है जो बृक्ष बना,तथा जीवन सृजन के इस पुण्य कार्य में आत्मीय शांति मिलती है।प्रकृति ईश्वर की सबसे सुंदर रचना है जिसमें मनुष्य केवल एक भाग है तथा मनुष्य ने ना समझी में अपने प्रकृति के सुंदर मातृ स्वरूप को विकृत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है ।श्री सिंह ने आगे बताया कि औद्योगिक करण भी विकास और रोजगार हेतु आवश्यक है परंतु मानव जीवन के मूल्य पर औद्योगिकरण हानिकारक सिद्ध होगा,प्रारंभ से ही सरकारें उद्योगों हेतु एमओयू तो साइन करवाती है जिसमें काटे गए बृक्षों के स्थान पर कई गुना नए पौधा रोपण करना होता है,परंतु ये नियम जमीन अधिग्रहण करने के बाद ज्यादातर उद्योग द्वारा कागज़ो पर खाना पूर्ति ही मानी जाती रही है जिसके कारण,कई पशु ,पक्षी,दुर्लभ जड़ी बूटी,पौधे,जंगल, नदियां खत्म होने के कगार पर हैं,तथा इसके साथ ही वहां की जनजातीय जीवन और परंपरा भी,जो की चिंतनीय है।सरकार को कठोर होकर एमओयू का अक्षरश : पालन करवाना ही इन समस्या का हल है,तथा जहां तक हो सके मैदानी क्षेत्र में ही उद्योग लगाने का नियम बनाया जाना चाहिए वरना आने वाली पीढ़ियां सदियों तक जिम्मेदारों को श्रापित करती रहेंगी तथा ये ऐसा ही जैसा जिस डाली पर हम बैठे है उसे ही काट रहे हैं।

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