Home » तलाक के बाद पिता को दुश्मन मानने लगते हैं बच्चे, मम्मी के साथ मजबूत हो जाती है बॉन्डिंग, रिसर्च में हुआ खुलासा
Breaking देश राज्यों से

तलाक के बाद पिता को दुश्मन मानने लगते हैं बच्चे, मम्मी के साथ मजबूत हो जाती है बॉन्डिंग, रिसर्च में हुआ खुलासा

अपनी शादी को तोडना और जीवनसाथी से अलग होने का फैसला करना किसी के लिए भी आसान नहीं होता है। लेकिन कई बार परस्थितियां ऐसी हो जाती है कि लाख कोशिश करने के बाद भी रिश्ता संभालता नहीं है और आखिर में तलाक लेना ही एकमात्र विकल्प बचता है। तलाक का दौर एक कपल के लिए भावनात्मक उथल-पुथल से भरा होता है। वे जब तलाक लेने की प्रक्रिया में आगे बढ़ते हैं तो वे विफलता, हानि और अकेलेपन की भावनाओं से जूझते हैं। तलाक का असर न सिर्फ कपल पर बल्कि उनके बच्चों पर भी पड़ता है। माता-पिता को अलग होते देखना बच्चों के लिए कठिन अनुभव होता है। इस दौरान बच्चे डरे हुए, उदास और भ्रमित महसूस करने लगते हैं। ये समय बहुत परेशान करने वाला होता है। तलाक के बाद माता या पिता में से एक को बच्चे की कस्टडी मिलती है। बच्चों की कस्टडी के लिए माता-पिता में अच्छी बहसबाजी देखने को मिलती है। कोर्ट बच्चों की मर्जी पूछकर उनकी कस्टडी पर फैसला सुनाती है। ऐसे में सवाल उठता है कि तलाक के बाद बच्चे किसके साथ रहना चाहते हैं? इसपर जर्मनी की एक रिसर्च सामने आयी है, जिसमें चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिसर्च के मुताबिक, तलाक के बाद ज्यादातर बच्चे अपनी मम्मी के साथ रहना कहते हैं और ज्यादातर अपने पिता को तलाक का दोषी मानते हैं। इतना ही नहीं अगर बच्चे उम्र में बड़े हो तो वो अपने पिता से दुश्मनी भी ले लेते हैं। तलाक के बाद, मां और उनकी बेटियों के बीच का रिश्ता सबसे गहरा होता है। जर्मनी के ‘डेमोग्रैफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट’ द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह बात पता चली है। इस अध्ययन में तलाक के बाद मां-बेटी के बीच गहरा जुड़ाव देखा गया है। तलाकशुदा मां को अपनी बेटियों से सबसे अधिक सहारा मिलता है। यहां तक कि बेटियों को भी अपनी मां की ज्यादा जरूरत महसूस होती है। तलाक के बाद बेटे भी मां के करीब आ जाते हैं, लेकिन ये आकंड़ा बेटियों के पक्ष में है। अध्ययन में देखा गया कि बेटे और बेटियों दोनों में तलाकशुदा पिता के प्रति आक्रोश था। बेटों के मुकाबले बेटियों में यह आक्रोश अधिक होता है। इस अध्ययन से पता चलता है कि तलाक के बाद मां-बेटी के रिश्ते मजबूत हो सकते हैं, लेकिन पिता-बेटी के रिश्ते पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। यह रिसर्च मुख्य रूप से उन जोड़ों पर की गई थी, जिनकी उम्र 50 साल या इससे अधिक थी और जिनके बच्चे विचारने-समझने की उम्र में थे। रिसर्च ने दिखाया कि शादी जितनी पुरानी हो, तलाक उतना अधिक नकारात्मक प्रभाव डालता है। बड़ी उम्र के लोगों की सेहत, सामाजिक संबंध और जीवन के कई पहलू पार्टनर की मौजूदगी से तय होते हैं। इससे ढलती उम्र में तलाक, अकेलापन या पार्टनर की कमी अधिक नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। छोटे या कम उम्र के बच्चे तलाक के बाद अपने पेरेंट्स के बीच में ज्यादा फर्क नहीं करते, लेकिन जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ती है, वे नकारात्मक विचार बढ़ाते हैं।

Cricket Score

Advertisement

Live COVID-19 statistics for
India
Confirmed
0
Recovered
0
Deaths
0
Last updated: 6 minutes ago

Advertisement

error: Content is protected !!