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कुत्तों की 23 खूंखार नस्लों पर लगाया गया बैन… पिटबुल-बुलडॉग समेत ये ब्रीड हैं शामिल…

केंद्र सरकार के सुझाव के बाद अब यूपी सरकार ने कुत्तों की करीब 23 खतरनाक नस्लों पर प्रतिबंध लगाया है. कुत्ते काटने की घटनाओं में हो रही मौतों को देखते हुए यह प्रतिबंध लगाया गया है. केंद्र सरकार के सुझाव पर यूपी सरकार ने क्रूर मानी जानी वाली कुत्तों की 23 प्रजातियों के आयात, प्रजनन और बिक्री पर रोक के आदेश जारी किए हैं.
सभी नगर निगमों और स्थानीय निगमों, प्रशासन के साथ ही सभी मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों के लिए यह आदेश जारी कर इन नियमों का पालन कराने के आदेश जारी किए गए हैं.
दरअसल, पशु पालन और डेयरी विभाग ने हित धारक संगठनों और विशेषज्ञों की टीम सदस्यों के साथ पशुपालन आयुक्त की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. इस समिति ने कुत्तों की कुछ नस्लों को खूंखार कुत्ते के रूप में पहचाना है जो मानव जीवन के लिए खतरनाक है.
इन खतरनाक नस्लों पर प्रतिबंध
इनमें मिश्रित और क्रॉस नस्लों के डॉग शामिल हैं, जैसे- पिटबुल टेरियर, टोसा इनु, अमेरिकन स्टैफोर्डशायर, टेरियर, फिला ब्रासीलीरो, डोगो अर्जेंटीनो, अमेरिकन बुलडॉग, बोअरवेल, कांगल, मध्य एशियाई शेफर्ड डॉग (ओवचाको), कोकेशियान शेफर्ड डॉग (ओवचाकी), दक्षिण रूसी शेफर्ड कुत्ता (ओवचाका), टॉर्नजैक, सरप्लानिनैक, जापानी टोसा और अकिता, मास्टिफ्स (बोरबुल्स), रॉटवीलर टेरियर्स रोडेशियन रिजबैंक, वुल्फ कुत्ते, कैनारियो, अकबाश कुत्ता, भॉस्को गार्ड कुत्ता, केन कोरो और उस प्रकार का हर कुत्ता जिसे आमतौर पर एक बैन डॉग (या बैडोग) जाना जाता है.
इन खूंखार कुत्तों की नस्लों को आयात, प्रजनन, पालतू कुत्तों के रूप में बेचने और अन्य उ‌द्देश्यों के लिए प्रतिबंधित करने और इन कुत्तों की नस्लों को रखने के लिए कोई लाइसेंस या परमिट जारी न करने और केंद्र सरकार द्वारा प्रकाशित पशुक्रूरता निवारण (कुत्ता प्रजनन और विपणन) नियम, 2017 व पशुक्रूरता निवारण (पालतू जानवर की दुकान) नियम, 2018 के नियमों को लागू करने एवं उसके क्रियान्वयन हेतु निर्देश दिए गए हैं.
साथ ही प्रशासन और विकास पशु पालन विभाग द्वारा निर्देशित करते हुए पत्र जारी किए गए हैं, जिसमें दिये गये निर्देशानुसार आवश्यक कार्यवाही और निर्देशों का पालन कराने के आदेश लिखे हैं.
हाल में हुई कुछ घटनाएं
बीते महीने ही दिल्ली में एक पिटबुल द्वारा काटे जाने के बाद एक बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई थी. उसका पैर तीन जगह से घायल हुआ था. उसे दो हफ्ते तक अस्पताल में रहना पड़ा था.
इससे कुछ दिन पहले दिल्ली में ही एक व्यक्ति ने अपने पड़ोसी पर हमला करने के लिए अपने पिटबुल को उकसाया था. वहीं, गाजियाबाद में एक पिटबुल ने 10 वर्षीय बच्चे को गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था.
बीते दिसंबर में भी एक 70 वर्षीय महिला को पिटबुल ने गंभीर रूप से घायल कर दिया था. एक अन्य मामले में लखनऊ में एक जिम मालिक के पिटबुल ने उसकी मां की जान ले ली थी. दिल्ली-एनसीआर खासकर नोएडा से Dog Attack की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती है.

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