एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों से प्रदेशवासी दहशत में है तो वहीं दूसरी तरफ राज्य में कालाबाजारी चरम सीमा पर है। इन दिनों व्यापारीगण सामानों को मनमाने दाम पर बेच रहे हैं और ग्राहक उस सामान को उसी दाम में लेने को मजबूर है। इतना ही नहीं इन व्यापारियों को किसी का भी डर नहीं है, और ना ही प्रशासन का। वैसे प्रशासन द्वारा भी कालाबाजारी को रोकने के लिए समय-समय पर जांच पड़ताल किया जाता है, लेकिन लगता है कि कालाबाजारी करने वाले व्यापारियों को प्रशासन का जरा भी खौफ नहीं है और ये लोग बेखौफ खाद्य पदार्थों का मनमाने ढंग से दाम बढ़ाकर बेच रहे है। लॉकडाउन हटने के बाद कालाबाजारी ज्यादा देखने को मिल रहा है।
अनाप-शनाप दामों में बिक रही सब्जियां
लॉकडाउन और लॉकडाउन हटने के बाद सब्जी बेचने वालों ने अनाप-शनाप दामों ने सब्जी का विक्रय किया है और कर भी रहे है। वहीं आमजनता इनके द्वारा तय किये रेट के सामने खरीदने को मजबूर हो जाते है। यदि इनके द्वारा तय किये गये दामों को जानेंगे तो आपके होश उड़ जाएंगे। उदाहरण स्वरूप हम आपको बताते है कि यदि आपको एक किलो टमाटर लेंगे तो उसका रेट 50 रुपये, और यदि आप आधा किलो लेना चाहेंगे तो आपको आधा किलो टमाटर 30 रुपये में दिये जायेंगे। याने कि आधा किलो लोगे तो 60 रुपये किलो से देंगे। और लोग उसी दाम खरीदने को मजबूर रहे। यह सब नजारा लॉकडाउन और लॉकडाउन हटने के बाद देखने को मिल रहा है।
किराना दुकानदार भी कर रहे मनमानी
अगर किराना दुकानदारों की बात की जाये तो ये लोग भी खाद्य पदार्थों को मनमाने दाम में बेच रहे है। जबकि प्रशासन द्वारा कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही गई है। जब इस बारे में किराना दुकानदारों से बात करने पर उनके द्वारा कहा जाता है कि बड़े व्यापारियों के द्वारा ही मनमाने दाम में सामान बेच रहे हैं तो हम क्या करें ? लेकिन यहां पर यह देखने को मिल रहा है कि कोरोना काल में मजबूरीवश मनमाने कीमत में सामान खरीदने को विवश नजर आ रहे है। यदि इस ओर प्रशासन की तरफ जांच की जाये तो कालाबाजारी, जमाखोरी के बड़े मामले सामने आ सकते है। अगर प्रशासन बड़े व्यापारियों के गोदामों में छापामारी कार्रवाई करें तो बड़ी मात्रा में जमाखोरी का मामला सामने आ सकता है।