रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों और दूसरी लोन संस्थाओं को निर्देश दिया है कि वे मोरेटोरियम पीरियड के दौरान बकाया श्वरूढ्ढ पर ग्राहकों से ब्याज ना वसूले। सरकार ने कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वह 2 करोड़ रुपए तक के लोन की ईएमआई पर लगने वाले ब्याज की भरपाई अपनी तरफ से करेगा। मंगलवार को आरबीआई ने इस मामले में एक नोटिफिकेशन जारी किया है।
क्या है यह स्कीम?
सुप्रीम कोर्ट में चली लंबी बहस के बाद सरकार और सुप्रीम कोर्ट इस बात पर सहमत हुई कि सरकार ईएमआई पर लगने वाला ब्याज माफ करेगी। सरकार के इस स्कीम के तहत 1 मार्च से लेकर 31 अगस्त के बीच सिंपल इंटरेस्ट और कंपाउंड इंटरेस्ट के बीच का जो फर्क है उसकी भरपाई सरकारी खजाने से होगा। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं है कि यह पैसा सीधे ग्राहकों के खाते में आएगा या लोन की रकम में एडजस्ट किया जाएगा। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक, यह साफ है कि सरकार बैंकों की भरपाई करेगी। इस स्कीम के तहत फायदा लेने के लिए एक तय समय से पहले आवेदन करना होगा।
किसे होगा इस स्कीम का फायदा?
सरकार ने कहा है कि 2 करोड़ रुपए तक के लोन की ईएमआई पर लगने वाला ब्याज वह चुकाएगा। बैंकों, एनबीएफसी और सरकारी-कोऑपरेटिव बैंकों से लिए गए लोन इस दायरे में आएंगे। हालांकि इसमें एक शर्त है। शर्त ये है कि इस स्कीम के दायरे में सिर्फ वही लोन आएंगे जो 29 फरवरी 2020 तक एनपीएस घोषित ना हुए हों। यह बॉरोअर पर निर्भर करेगा कि वह तीन महीने की इएमआई पर इस स्कीम का फायदा ले या फिर 6 महीने के लिए।
स्कीम का फायदा सभी के लिए
वैसे तो इस मामले की शुरुआत मोरेटोरियम पीरियड में इएमआई ना चुका पाने वालों के लिए किया गया था। लेकिन अब सरकार इस स्कीम का फायदा सबको देगी। यानी जिन लोगों ने 1 मार्च से लेकर 31 अगस्त के बीच इएमआई चुकाया है उन्हें भी इसका फायदा मिले। इस स्कीम का फायदा सबको देने की वजह ये है कि वक्त पर इएमआई चुकाने वालों को नुकसान ना हो।