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छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफैडरशन के राजेश पाल ने प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला को लिखा पत्र

सोशल मीडिया के फेसबुक पर पदोन्नति सहित शिक्षकों की समस्याओं से अवगत कराते हुए निराकरण करने का आग्रह किया एवं अनुकंपा नियुक्ति के लिए उठाए कदम के लिए मुख्यमंत्री को साधुवाद मगर कहा यह नाकाफी

रायपुर। राज्य के शिक्षा विभाग के रीड की हड्डी माने जाने वाले शिक्षक जिनका शिक्षा विभाग में जुलाई 2018 में संविलियन हो चुका है और पिछले 23 वर्षों से राज्य में शिक्षा की ज्योत जलाए हुए है और कोरोना महामारी के समय भी राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लगातार इस महामारी से निपटने के साथ ही साथ बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए हर प्रकार के प्रयोग करते हुए उन्हें शिक्षा-दीक्षा दें रहें हैं और वर्तमान में एसा करते हुए राज्य के हजारों शिक्षक इस महामारी का शिकार हो चुके हैं और सैकड़ों शिक्षकों की जान चली गई फिर भी वे अपने कर्तव्य पथ पर डटे हुए हैं। एसे में जबकि राज्य में हजारों शिक्षकों एवं संस्था प्रमुखों के पद रिक्त हैं और फिर भी एक विशेष संवर्ग के लिए पदोन्नति की प्रक्रिया करना और एलबी कहे जाने वाले शिक्षकों को एल बी कहकर उनकी पदोन्नति को 5 वर्ष के अनावश्यक नियम का हवाला देकर उन्हें उनके अधिकारों से वंचित करना समझ से परे हैं। छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफैडरशन के प्रांताध्यक्ष राजेश पाल ने कहा कि संविलियन प्राप्त शिक्षकों का अपना एक अलग कोटा पदोन्नति के लिए सुरक्षित किया गया है जिसपर पदोन्नति दी जा सकती हैं मगर एसा नहीं हो रहा है जिसकारण प्रदेश में शैक्षणिक गतिविधियों में बाधा उत्पन्न होने की गुंजाइश बनी रहेगी । राजेश पाल ने बताया कि शिक्षकों के पदनाम से एल बी (लोकल बॉडी) शब्द हटाने वें मुख्यमंत्री जी से मिलकर हटाने का आग्रह किया था जिसपर मुख्यमंत्री सचिवालय रायपुर से इस आशय संबंधित कार्यालय को एक पत्र जारी किया गया और समाधान करने और मामले को सचिवालय सहित मांगकर्ता संगठन को अवगत कराने के निर्देश जारी किए थे मगर आज पर्यंत संगठन को किसी प्रकार की कार्यवाही से अवगत नहीं कराना चिंतनीय विषय है, आज इसका परिणाम यह हो रहा है कि पदोन्नति सहित अन्य वित्तीय व गैर-वित्तीय प्रक्रियाओं से संविलियन प्राप्त शिक्षकों को एल बी समझकर उन्हें पृथक कर दिया जाता है जिसपर छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफैडरशन ने घोर आपत्ति दर्ज़ कराई है। महाफैडरेशन प्रमुख श्री पाल ने हाल ही राज्य के मुख्यमंत्री जी के अनुकंपा नियुक्ति पर 10 प्रतिशत नियम में शिथिल किये जाने का स्वागत करते हुए कहा कि महाफैडरेशन के पदाधिकारी प्रदेश महामंत्री प्रणव मांडरिक, रितेश टिकरिहा, रामकृष्ण देवांगन, प्रकाश चौबे,खिलेश वर्मा सहित सभी जिला प्रमुखों ने प्रदेश के विभिन्न मंचों पर अनुकंपा सहित सभी मांगों को दृढ़ता से रखते रहे हैं।मगर यह नाकाफी है क्योंकि इसे समय सीमा में बांध दिया गया है, राज्य में संविलियन से पहले के दिवंगत पंचायत शिक्षक साथियों को भी इसकी सुविधा प्राप्त हो और दिवंगत एल बी साथियों के परिजनों के योग्यता के अनुसार भृत्य के अलावा सहायक ग्रेड 3 व सहायक शिक्षक के पदों पर भी नियुक्ति दी जाए। श्री पाल एवं महिला प्रकोष्ठ प्रभारी ज्योति नेताम, ममता सूर्यवंशी,रोशन साहू, गौतम चंद्राकर,जलेश्वर साहु सहित अन्य पदाधिकारियों ने शासन से मांग की है कि सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति को दूर करने के लिए इतने वर्षों बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाना बहुत ही दुखद है शासन तत्काल इस विसंगति का सुधार करें एवम समानुपातिक वेतनमान निर्धारण कर क्रमोन्नत वेतनमान एव अन्य वित्तीय लाभ प्रदान करने की ओर ठोस कदम उठाए।

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