Home » त्याग, तपस्या और बलिदान…यही है उमाकांत वर्मा की पहचान…
Breaking छत्तीसगढ़ राज्यों से

त्याग, तपस्या और बलिदान…यही है उमाकांत वर्मा की पहचान…

रायपुर। छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज में जब त्याग, तपस्या और बलिदान की बात होती है तो उमाकांत वर्मा का नाम पूरी शिद्दत के साथ लिया जाता है। और लिया जाना भी चाहिये क्योंकि अगर उमाकांत वर्मा के सामाजिक जीवन का अध्ययन किया जाये तो हम पायेंगे श्री वर्मा समाज के लिए अनेक त्याग और तपस्या और बलिदान किये है, जिसकी व्याख्या शब्दों में किया जाना असंभव सा लगता है। लेकिन इन दिनों उनके सामाजिक जीवन का चर्चा किया जाना यहां पर आवश्यक हो जाता है क्योंकि मनवा कुर्मी समाज का निर्वाचन आगामी 31 अक्टूबर को होना है। समाज के केन्द्रीय अध्यक्ष एवं राजप्रधान पद के लिए इस दिन सुबह 9 बजे से दोपहर तीन बजे तक मतदान होना है। सामाजिक मतदाता अपने पसंद के उम्मीदवार को मत देकर समाज का मुखिया बनायेंगे। इसलिए यह आवश्यक हो गया है कि समाज का नेतृत्व अनुभवी, कार्यकुशलता, प्रावीण्य, वाकपटुता, दबंग जैसे व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति को करना चाहिये और चुनावी चर्चा के अनुसार समाज के केन्द्रीय अध्यक्ष प्रत्याशी उमाकांत वर्मा को ही योग्य एवं अनुभवी माना जा रहा है। आपको बता दें कि श्री वर्मा इन दिनों राज्य के सभी 10 राजों में धुंआधार जनसंपर्क कर रहे है। वे मतदाताओं से रूबरू हो रहे है, इसी कड़ी में उन्होंने ग्राम बोइरझिटी, तुलसी, मानपुर, नकटी, विश्रामपुर, तरपोंगा, टेकारी, मल्दी, करमदा, पौसरी एवं रवान में ताबड़तोड़ बैठकें ले रहे है।


छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के केन्द्रीय अध्यक्ष पद के प्रत्याशी उमाकांत वर्मा का परिचय
छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के केन्द्रीय अध्यक्ष प्रत्याशी उमाकांत वर्मा पिता स्व.श्री लोकनाथ वर्मा ग्राम अल्दा (तिल्दा राज) शासकीय सेवा उप संचालक (वित्त विभाग) शिक्षा एमकाम, एमए अर्थ.(पी)एलएलबी अध्ययनरत है। इन समाजिक अनुभव इस प्रकार है-नगर ईकाई सिमगा के अध्यक्ष वर्ष 1994 से 2000 तक 6 वर्ष, राजप्रधान तिल्दा राज वर्ष 2002 से 2005 तक 4 वर्ष, केन्द्रीय कोषाध्यक्ष वर्ष 2009 से 2018 तक 9 वर्ष, संरक्षक तिल्दा राज वर्ष 2009 से 2015 तक, छत्तीसगढि?ा सर्व समाज का प्रदेश महासचिव वर्ष 2016 से निरंतर, केन्द्रीय उच्चाधिकार जांच समिति अध्यक्ष वर्ष 2012 से 2018 तक, अखिल भारतीय कूर्मि महासभा का कार्यकारिणी सदस्य वर्ष 2018 से अब तक, इसके बाद अभी 2021 में अखिल भारतीय क्षत्रिय कूर्मि समाज के प्रदेश अध्यक्ष है। उमाकांत वर्मा का रचनात्मक कार्य का भी काफी लंबा अनुभव रहा जो इस प्रकार है-अपने कार्यकाल में स्वामी आत्मानंद विद्यापीठ प्रारंभ किया, कूर्मी छात्रावास नेवरा 30 हजार वर्गफीट का पट्टा दिलाया, डॉ.खूबचंद बघेल शिक्षण समिति की स्थापना, वैवाहिक पत्रिका परिणय पुष्प का प्रकाशन प्रारंभ कराया, 25 वर्ष से बंद भोला कूर्मी छात्रावास को पुन: खुलवाने, राज पुनर्गठन कर 2 राज बनाने, दो राजों को महिला राजप्रधान के लिए आरक्षित करने, नरदहा भवन निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान, मृतक भोज में कलेवा वर्जित कराने, कफन के बदले फूल व श्रीफल चढ़ाने की परंपरा चलाने के लिए उसे लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका, केन्द्रीय कोषाध्यक्ष के रूप में 12 लाख प्राप्त कर उसे 1 करोड़ 20 लाख कर चार्ज में दिया। इस तरह से समाज के केन्द्रीय अध्यक्ष के प्रत्याशी उमाकांत वर्मा का काफी लंबा अनुभव रहा है। इस कारण चुनावी माहौल में जो चर्चाएं चल रही है उससे ऐसा लगता है कि उमाकांत वर्मा ही केन्द्रीय अध्यक्ष पद के लिए काफी योग्य एवं अनुभवी है।

Cricket Score

Advertisement

Live COVID-19 statistics for
India
Confirmed
0
Recovered
0
Deaths
0
Last updated: 27 minutes ago

Advertisement

error: Content is protected !!