क्रिकेट विराट कोहली पत्नी अनुष्का शर्मा और बेटी वमिका के साथ वृंदावन के नीम करोली आश्रम पहुंचे थे। वे बाबा नीम करोली में श्रद्धा रखते हैं। विराट और अनुष्का ने नीम करोली बाबा की समाधि के दर्शन किए। नीम करोली बाबा को उनके भक्त हनुमान जी का अवतार मानते हैं। उनकी गिनती 20वीं सदी के महान संतों और दिव्य शक्तियों वाले संतों में होती है। बाबा ने अपने जीवन में 108 हनुमान मंदिर बनवाए. वह हनुमान जी के बड़े भक्त थे। उनके बारे में कई चमत्कारिक कहानियां भी प्रचलित हैं। नीम करोली बाबा का मुख्य आश्रम कैंची धाम में स्थित है। वहीं वृंदावन में भी उनका आश्रम है। 1964 में उन्होंने कैंची धाम की स्थापना की थी। बताया जाता है कि 17 साल की उम्र में ही उन्हें ज्ञान प्राप्त हो गया था। माना जाता है कि नैनीताल के पंतनगर में स्थिति उनके आश्रम में अगर कोई भक्त मुराद लेकर जाता है तो वह वापस नहीं लौटता। यहीं बाबा की समाधि और हनुमान जी का मंदिर है।
यूपी में हुआ था जन्म
बाबा नीम करोली का वास्तविक नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था। उत्तर प्रदेश के अकबरपुर के एक गांव में उनका जन्म हुआ था। बताया जाता है कि सन् 1900 के आसपास उनका जन्म हुआ था। किशोरावस्था में ही उन्होंने घर-बार छोड़ दिया और साधु हो गए। बताया जाता है कि उन्होंने नीब करोरी नामक स्थान पर तपस्या की। उनका एक आश्रम कैंची नैनीताल में है तो दूसरा वृंदावन में है।
चमत्कार की कहानियां
बाबा नीम करोली के बारे में कई कहानियां प्रचलित हैं। उनको मानने वाले कई घटनाएं बताते हैं। बताया जाता है कि एक बार उनके भंडारे में घी कम पड़ गया था। इशके बाद उन्होंने कहा कि नदी से पानी ले आओ और फिर उन्होंने इसे घी में बदल दिया। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि एक भक्त को धूम से परेशान देखकर उन्होंने बादल बुला लिए थे। उनके जीवन से जुड़ी चमत्कारिक घटनाओँ के बारे में किताब भी लिखी गई है जिसका नाम है ‘मिराकल ऑफ लव।’
मार्क जुकरबर्ग समेत कई हस्तियां मुरीद
बाबा नीम करोली के भक्त केवल भारत में ही नहीं हैं बल्कि विदेशों में भी हैं। अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स, स्टीव जॉब्स औऱ मार्क जुकरबर्ग भी उनके भक्तों में शामिल हैं। ये सभी कैंची धाम पहुंचकर बाबा की समाधि के दर्शन कर चुके हैं। बताया जादा है कि जब जुकरबर्ग फेसबुक बेचने को लेकर कन्फ्यूजन में ते तब स्टीव जॉब्स ने उन्हें यहां जाने की सलाह दी थी। बताया जाता है कि स्टीव जॉब्स को एप्पल के लोगो का आइडिया भी यहीं से आया था। बाबा नीम करौली को सेब पहुत पसंद थे। यहीं से उन्हें अपने लोगो का आइडिया मिला था।