तुर्की में भूकंप के जबरदस्त झटकों के बाद जो तबाही का मंजर देखने को मिला, उसके तहत वहां कई शहर के शहर श्मशान सरीखे नजर आए। मलबे में तब्दील हो चुकीं बहुमंजिला इमारतों के आस-पास राहत और बचाव कार्य के दौरान हर तरफ चीख-पुकार और आपाधापी का माहौल देखने को मिला। समाचार एजेंसी ‘Associated Press’ के हवाले से समाचार एजेंसीANIने बताया कि तुर्की और सीरिया में भूकंप के जोरदार झटकों के चलते फिलहाल 7700 लोगों (बुधवार सुबह तक के आंकड़े) की जान जा चुकी है। हालांकि, राहत और बचाव कार्य के बीच मृतकों की संख्या बढऩे की आशंका है। इस बीच, 70 मुल्कों ने भूकंप प्रभावित देशों के लिए मदद भेजी हैं, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की आशंका है कि इस दुखद आपदा में 32 हजार लोग मारे जा चुके हैं।
वहीं, फिलिस्तीन में 4.8 तीव्रता के भूकंप के झटकों की खबर आई और ये झटके नब्लस से करीब 13 किमी दूर महसूस किए गए। अफसरों के अनुसार, भूकंप के केंद्र के दक्षिण पूर्व में हते में करीब 1500 इमारतें जमींदोज हो गईं। साथ ही कई लोगों ने परिजन के मलबे में फंसे होने और किसी बचाव दल या मदद के नहीं पहुंचने की शिकायत की। तुर्की के दक्षिण-पूर्वी प्रांत कहमनमारस में केंद्रित भूकंप ने दमिश्क और बेरूत के निवासियों को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया।
कम तापमान और भूकंप के बाद के करीब 200 झटके महसूस किए जाने के कारण बचाव कर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ”यूएस जियोलॉजिकल सर्वे” ने सोमवार को आए भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी जिसका केंद्र जमीन के नीचे 18 किमी था। शायद पहले भूकंप के कारण दूसरा भूकंप 100 किलोमीटर दूर आया जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.5 थी।