Home » आज रात साउथ अफ्रीका से भारत के लिए 12 चीतों को लेकर उड़ेगा ग्लोबमास्टर, कहां और कैसे लाए जाएंगे, जानें सबकुछ
Breaking देश मध्यप्रदेश राज्यों से

आज रात साउथ अफ्रीका से भारत के लिए 12 चीतों को लेकर उड़ेगा ग्लोबमास्टर, कहां और कैसे लाए जाएंगे, जानें सबकुछ

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में साउथ अफ्रीका से 12 चीतों की एक ओर खेप आने वाली है. इंडियन एयरफोर्स का विशेष विमान C-17 ग्लोबमास्टर चीतों को लाने के लिए आज सुबह साउथ अफ्रीका के लिए उड़ान भर चुका है. ये विमान आज रात आठ बजे साउथ अफ्रीका से चीतों को लेकर रवाना होगा और 18 फरवरी यानी शनिवार को सुबह 10 बजे ग्वालियर एयरपोर्ट पर लैंड करेगा. ग्वालियर एयरपोर्ट से उन्हें विशेष विमानों के जरिए करीब 165 किलोमीटर दूर श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क (KNP) पहुंचाया जाएगा. जहां चीतों को क्वारंटाइन बाड़ों में रखा जाएगा. रक्षा मंत्रालय की ओर से एयरफोर्स ने इस पूरी सेवा के लिए पर्यावरण मंत्रालय से किसी भी तरह की फीस नहीं ली है और निशुल्क सेवा प्रदान की है. इस बार साउथ अफ्रीका से आने वाले चीतों में 7 नर और 5 मादा हैं. इन्हें वेटरनरी डॉक्टर और चीता एक्सपर्ट डॉक्टर लारेल की मौजूदगी में विशेष विमान C-17 ग्लोबमास्टर के जरिए लाया जा रहा है. साउथ अफ्रीका से आने वाले चीतों का स्वागत करने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव कूनो नेशनल पार्क में मौजूद रहेंगे. कूनो नेशनल पार्क के निदेशक उत्तम शर्मा ने बताया कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी चीतों के लिए 10 क्वारंटाइन स्थापित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि हमने चीतों के स्वागत के लिए तैयारी पूरी कर ली है. विशेषज्ञों ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले साल सितंबर की शुरुआत में KNP का दौरा किया था, ताकि चीतों के आवास के लिए वन्यजीव अभ्यारण्य में व्यवस्था देखी जा सके. बताया जा रहा है कि साउथ अफ्रीका से आने वाले चीते नामीबिया से आने वाले आठ चीतों के साथ ही रहेंगे.

बीते महीने साइन हुआ था MoU

चीतों के आगमन को लेकर पिछले महीने ही भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच एक एमओयू साइन किया गया था. वन्यजीव विशेषज्ञ ने कहा कि भारत ने दक्षिण अफ्रीका सरकार को हर चीते के लिए 3,000 अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया है. भारत ने पिछले साल अगस्त में इन चीतों को एयरलिफ्ट करने की योजना बनाई थी, लेकिन दोनों देशों के बीच औपचारिक ट्रांसलोकेशन समझौते पर हस्ताक्षर करने में देरी के कारण ऐसा नहीं हो सका था.

15 जुलाई से साउथ अफ्रीका में क्वारंटाइन हैं चीते

इन चीतों की शिफ्टिंग के लिए एमओयू साइन होने में देरी होने पर कुछ विशेषज्ञों ने दिसंबर में दक्षिण अफ़्रीकी चीतों के स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त की थी क्योंकि जो चीते भारत में आने वाले हैं उन्हें 15 जुलाई से अपने देश में क्वारंटाइन किया गया है. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक क्वारंटाइन में रहने की वजह से ये चीते अपनी फिटनेस खो देंगे. विशेषज्ञों ने कहा था कि लंबे समय तक क्वारंटाइन में रहना इन चीतों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है.

नामीबिया से लाए गए थे आठ चीते

इससे पहले बीते साल सितंबर में नामीबिया से 5,000 मील (8,000 किमी) का सफर तय कर आठ चीते भारत लाए गए आए थे. इन्हें मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था, सभी चीते एक विशेष तरह के फ्लाइट से लाए गए थे. पहली बार जंगली चीतों को एक द्वीप से दूसरे द्वीप भेजा गया था. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 17 सितंबर को अपने 72वें जन्मदिन पर नामीबिया से केएनपी में आठ चीतों को छोड़ा था. नामीबिया से आने वाले इन 8 चीतों में 5 मादा और तीन नर थे.

Cricket Score

Advertisement

Live COVID-19 statistics for
India
Confirmed
0
Recovered
0
Deaths
0
Last updated: 22 minutes ago

Advertisement

error: Content is protected !!