Home » दुल्‍हन से शादी रचाने दूल्हा पहुंचा अस्पताल, डाक्‍टरों और मरीजों के बीच लिए फेरे
Breaking एक्सक्लूसीव छत्तीसगढ़ देश

दुल्‍हन से शादी रचाने दूल्हा पहुंचा अस्पताल, डाक्‍टरों और मरीजों के बीच लिए फेरे

छत्तीसगढ़ में अनोखी शादी सुर्खियों में हैं, जहां दुल्‍हन बीमार हुई तो दूल्‍हा बरात लेकर अस्‍पताल पहुंच गया और वहीं डाक्‍टरों और मरीजों के बीच फेरे लिए।दरअसल, यह अनोखी जांजगीर-चांपा जिला का है। यहां एक निजी अस्पताल में बाजे गाजे के साथ बरात पहुंची तो लोग अचरज में पड़ गए। बरात तय समय पर पहुंची और अस्पताल में भर्ती कन्या का विवाह भी हुआ। घर के बजाय अस्पताल से ही कन्या की विदाई हुई।

अस्पताल स्टाफ भी इस विवाह का साक्षी बना। आमतौर पर विवाह मंगल भवन या शादी हाल में होता है मगर 20 अप्रैल को श्री नर्सिंग होम में बाजे गाजे के साथ बरात पहुंची और अस्पताल परिसर में ही विवाह हुआ। दरअसल, इसके पीछे की कहानी यह है कि ग्राम बैजलपुर निवासी रश्मि उर्फ लक्ष्मी पिता अगरदास महंत, माता मुन्नाी बाई का विवाह सक्‍ती जिले के परसाडीह निवासी राज उर्फ बंटी पिता सुकालू दास, माता कौशिल्या देवी के साथ तय हुआ था। 18 अप्रैल को मंडपाच्छादन होना था। दोनों परिवार में खुशी का माहौल था।

धूमधाम से शादी करने के लिए सभी रिश्तेदारों के यहां निमंत्रण दिया जा चुका था। इस बीच सप्ताह भर पहले अचानक रश्मि के पेट में दर्द होने पर उसे अस्पताल ले जाया गया। जांच में पता चला कि उसकी बड़ी आंत में छेद है। डॉक्टरों ने बताया कि रश्मि का इलाज जल्द से जल्द नहीं करने पर यह घातक हो सकता है। इस बात की जानकारी वर पक्ष को हुआ तो राज के परिवार ने रश्मि के इलाज को महत्व देते हुए अस्पताल में भर्ती कराने का निर्णय किया।

साथ ही तय मुहूर्त में शादी भी करने का निर्णय लिया, क्योंकि दोनों परिवार के लिए यह शादी की तिथि बढ़ाया जाना संभव नहीं था, क्योंकि निमंत्रण कार्ड बट चुका था और वर के बड़े भाई की शादी भी होनी थी। रिश्तेदार भी पहुंचने लगे थे। रश्मि के शादी के 5 दिन पहले आपरेशन हुआ और वह स्वस्थ हो गई। ऐसे में वर पक्ष बरात लेकर सीधा अस्पताल पहुंचा और अस्पताल परिसर में ही रीति रिवाज से शादी हुई। अस्पताल परिसर में उपस्थित सभी स्टाफ व अन्य मरीजों के स्वजन भी इस विवाह के साक्षी बने।

सभी ने दोनों के दांपत्य जीवन के सफल होने के साथ बहू के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की। रिश्तेदारों ने बताया कि दोनों परिवार की माली हालत ठीक नहीं है इसलिए विवाह की तिथि भी बढ़ाना संभव नहीं था। क्योंकि खर्च हो चुके थे। वहीं लड़की पक्ष के लोगों ने बताया कि जो पैसा विवाह के लिए जमा किया था वह इलाज में खर्च हो गए मगर वर पक्ष ने पूरा सहयोग किया और कन्या का अस्पाल में सफल उपचार व मंत्रोच्चार के साथ विवाह हुआ।

Cricket Score

Advertisement

Live COVID-19 statistics for
India
Confirmed
0
Recovered
0
Deaths
0
Last updated: 5 minutes ago

Advertisement

error: Content is protected !!