Home » राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन बढ़ाएगा छत्तीसगढ़ का मान
Breaking एक्सक्लूसीव छत्तीसगढ़ राज्यों से

राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन बढ़ाएगा छत्तीसगढ़ का मान

  • चन्द्रभूषण वर्मा
    छत्तीसगढ़ राज्य को अस्तित्व में आए 23 वर्ष हो चुके हैं। इस दौरान छत्तीसगढ़ ने देश के साथ-साथ विश्व पटल पर भी अपनी गहरी छाप छोड़ी है। वहीं अब छत्तीसगढ़ में तीन दिवसीय राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन अगले महीने यानी 1 से जून तक किया जा रहा है। निसंदेह यह छत्तीसगढ़ के गौरव को और आगे बढ़ाएगा। इससे पहले यहां आदिवासी महोत्सव का आयोजन किया जा चुका है। जिसमें देश-विदेश के कलाकारों ने शिरकत की थी। वहीं अब राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन भी छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाने वाला है।
    जैसा कि आप जानते ही हैं, छत्तीसगढ़ राज्य धार्मिक व सांस्कृतिक विरासतों से समृद्ध एक ऐसा प्रदेश है, जिसका श्रीराम, माता कौशल्या व उनके जीवन चरित्र पर आधारित महाकाव्य रामायण से बहुत गहरा संबंध है। छत्तीसगढ़ राज्य को श्रीराम की माता कौशल्या की जन्मभूमि होने का विशेष गौरव प्राप्त है। माता कौशल्या का जन्म तत्कालीन दक्षिण कोसल में हुआ था, जो वर्तमान छत्तीसगढ़ में है। माता कौशल्या को उनके उदार भाव, उनके ज्ञान व श्रीराम के प्रति उनके वात्सल्य भाव के लिये जाना जाता है, यही कारण है कि उन्हें मातृत्व भाव के प्रतीक के रूप में कई स्थानों पर पूजा जाता है, परंतु छत्तीसगढ़ राज्य एक मात्र ऐसा प्रदेश है जहां चन्द्रखुरी नामक स्थान पर माता कौशल्या को समर्पित मंदिर स्थापित है।
    भगवान राम ने अपने 14 वर्ष के वनवास के लगभग 10 वर्ष अधिकांशत: दण्डकारण्य में व्यतीत किये हैं एवं उक्त सभी स्थानों पर श्रीराम की उपस्थिति से संबंधित बहुत सी कथाएं प्रचलित हैं। मध्य भारत में स्थित छत्तीसगढ़ प्रदेश के वनक्षेत्र के संदर्भ में ऐसी धारणा है कि श्रीराम ने अपने वनवास अवधि का एक महत्वपूर्ण भाग यहां व्यतीत किया था, इसलिए इस क्षेत्र में श्रीराम को समर्पित बहुत से मंदिर एवं पवित्र स्थल स्थित हैं । यह क्षेत्र कई आदिवासी समुदायों का भी निवास स्थान माना जाता है, जिन्होंने सदियों से अपने पूर्वजों की परंपराओं व संस्कृति को सहेज कर रखा है। श्रीराम ने छत्तीसगढ़ की दो सर्वाधिक महत्वपूर्ण नदियां शिवनाथ व महानदी के तट के निकट अपने वनवास का अधिकांश समय बिताया था।
    छत्तीसगढ़ में पहली बार आयोजित हो रहे राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के रामायण ‘झांकी प्रदर्शन समूह’ को आमंत्रित किया गया है। राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के अंतर्गत प्रतियोगी कार्यक्रम होंगे, जिसमें प्रस्तुत की जाने वाली नृत्य नाटिका का विषय महाकाव्य रामायण के अरण्य-कांड पर आधारित होगा। छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति की नगरी रायगढ़ के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
    छत्तीसगढ़ के ग्राम चन्दखुरी की पावन भूमि में प्रभु श्रीराम की जननी माता कौशल्या का दुर्लभ मंदिर देश और दुनिया में एक मात्र मंदिर है। यह छत्तीसगढ़ की गौरवपूर्ण अस्मिता का प्रतीक है। प्रकृति की अनुपम छटा बिखेरते इस मंदिर के गर्भ गृह में माता कौशल्या की गोद में बालरूप में प्रभु श्रीराम जी की वात्सल्य प्रतिमा श्रद्धालुओं एवं भक्तों के मन को सहज ही अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। वहीं पूर्वी छत्तीसगढ़ के महानदी, जोंक नदी और शिवनाथ नदी के संगम स्थ्ल शिवरीनारायण क्षेत्र में रामनामी समुदाय में भगवान श्री राम के प्रति अकूत प्रेम एवं अराधना को परिलक्षित करता है।
    छत्तीसगढ़ राज्य बनने के साथ ही प्रदेश ने विश्व पटल पर तेजी से अपनी पहचान बनाई है। वहीं अब पर्यटन और प्राचीन विरासत को संजाए ऐसे आयोजनों से नि:संदेह यहां के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। और लोग काफी संख्या में यहां आएंगे।

About the author

NEWSDESK

Cricket Score

Advertisement

Live COVID-19 statistics for
India
Confirmed
0
Recovered
0
Deaths
0
Last updated: 2 minutes ago

Advertisement

error: Content is protected !!